प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया भर के देशों की यात्राओं के बारे में सोशल मीडिया में होने वाली चर्चाओं पर यकीन करें तो लब्बोलुआब यह निकलेगा कि मोदी की वजह से दुनिया भर में भारत का नाम बढ़ा है। खुद प्रधानमंत्री मोदी और उनके अनगिनत मंत्रियों ने यह बात अनेकों बार कही है कि दुनिया में भारत की इज्जत बढ़ी है और दुनिया अब भारत को गंभीरता से लेती है और उसकी बात दुनिया के मंच पर सुनी जाती है। पर दुनिया की नजर में किसी भी देश की इज्जत बताने का पैमाना उसका पासपोर्ट होता है और इस मोर्चे पर तो भारत की स्थिति लगतार खराब होती गई है।
पिछले साल दुनिया के पासपोर्ट की ताकत का जो इंडेक्स जारी हुआ है उसके मुताबिक भारत का पासपोर्ट 84वें स्थान पर है। पासपोर्ट की ताकत का मतलब यह होता है कि किसी पासपोर्ट पर उस देश का नागरिक कितने देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकता है। इसमें और भी कई चीजें शामिल होती हैं पर बुनियादी चीज यहीं हैं कि किस देश के नागरिक का दुनिया में कितना स्वागत होता है। हेनली सर्विसेज की ओर से हर साल यह सूचकांक तैयार किया जाता है। इस में इस साल जापान नंबर एक पर है। उसके पासपोर्ट से 190 से ज्यादा देशों की यात्रा की जा सकती है, जबकि भारत की पासपोर्ट की ताकत 25 देशों तक सीमित है। पांच साल पहले जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी, तब पासपोर्ट की ताकत अभी से थोड़ी बेहतर थी, तब रैंकिंग में भारत 76वें स्थान पर था और अब आठ स्थान नीचे खिसक गया है।
दुनिया में भारत का नाम बढ़ा है या घट रहा है
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