ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अपनी सरकार का विस्तार करने के लिए अभी इंतजार करना होगा। येदियुरप्पा और उनके साथ साथ पिछले दिनों के उपचुनाव में जीते 13 विधायक भी डेढ़ महीने से इंतजार कर रहे हैं। पांच दिसंबर को चुनाव हुए थे और नौ दिसंबर को नतीजे आए थे। कांग्रेस और जेडीएस से बगावत करके भाजपा की सरकार बनवाने वाले इन विधायकों को उम्मीद थी कि उपचुनाव में जीतते ही उनको मंत्री पद मिल जाएगा। पर एक हफ्ते तक मामला टलता रहा और फिर मलमास की वजह से एक महीना बीत गया। मसमास खत्म हुए भी अब दो हफ्ते हो गए पर येदियुरप्पा सरकार का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
कहा जा रहा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में बात करने के लिए समय नहीं मिल रहा है। मलमास खत्म होते ही पार्टी नए अध्यक्ष के चुनाव में लग गई। उसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार तेज हो गया और साथ ही आम बजट व संसद सत्र की तैयारी शुरू हो गई। माना जा रहा है कि आम बजट और संसद सत्र की वजह से ही नरेंद्र मोदी सरकार का विस्तार भी टला है। हालांकि येदियुरप्पा को उतना इंतजार नहीं करना होगा। कहा जा रहा है कि उनको ज्यादा से ज्यादा दिल्ली चुनाव तक इंतजार करने को कहा जा सकता है। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी के आला नेता इस बात से खुश नहीं है कि कांग्रेस और जेडीएस से बागी होकर आए ज्यादातर विधायकों को मंत्री बना दिया जाए। इससे प्रदेश के पुराने नेताओं में भी नाराजगी है। तभी किसी न किसी बहाने विस्तार टाला जा रहा है।
येदियुरप्पा को इंतजार करना होगा
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