महाराष्ट्र कांग्रेस में घमासान मचा है। एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हैं तो दूसरी ओर पार्टी के अन्य वरिष्ठ व पुराने नेता हैं। इनमें से एक पुराने नेता बाला साहेब थोराट हैं, जिन्होंने कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी चिट्ठी में कहा है कि नाना पटोले के साथ काम करना मुश्किल है। बताया जा रहा है कि थोराट और पटोले दोनों को हटाने की पहले से तैयारी थी। फरवरी के अंत में रायपुर में होने वाले कांग्रेस महाधिवेशन को बाद दोनों को हटाया जाना था और साथ ही कुछ और राज्यों में संगठन में बदलाव होना था। लेकिन उससे पहले ही थोराट ने इस्तीफा देकर आलाकमान पर दबाव बना दिया है।
असल में यह विवाद विधान परिषद के हाल में हुए चुनाव के कारण शुरू हुआ है। उसमें भी नासिक सीट पर सत्यजीत तांबे की उम्मीदवारों को लेकर जो विवाद हुआ उसका नतीजा है कि थोराट ने इस्तीफा दिया है। असल में सत्यजीत तांबे और थोराट रिश्तेदार हैं। थोराट रिश्ते में तांबे के मामा लगते हैं। नासिक सीट पर पहले सुधीर तांबे एमएलसी थे और पार्टी ने उन्हीं को टिकट दिया, जबकि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। सो, उन्होंने नामांकन नहीं किया और उनकी जगह बेटे सत्यजीत तांबे ने परचा भर दिया। उनका आरोप है कि पटोले ने उनको गलत फॉर्म दे दिया, जिससे उनको निर्दलीय लड़ना पड़ा। संयोग से तांबे जीत भी गए। इसके बाद पटोले के खिलाफ अभियान तेज हो गया। थोराट ने इस्तीफा देकर इस अभियान को और तेज कर दिया है। दूसरी ओर पटोले की राहुल गांधी से करीबी सभी जानते हैं। तभी यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र के बारे में क्या फैसला होता है।