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शुरू से अंत तक आपको बांध कर रखेगी ‘मिशन रानीगंज’

Mission Raniganj :- 1989 की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू’ का पहला सीन ही आपका ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। आईआईटी धनबाद के माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल रानीगंज कोयला क्षेत्रों में फंसे मजदूरों को बचाने की जिम्मेदारी लेते हैं ताकि वे अपने परिवारों से मिल सकें। रियल लाइफ हीरो जसवन्त सिंह गिल ने आम लोगों की जान बचाने के लिए एक मुश्किल मिशन का नेतृत्व किया। फिल्म का कैनवास बहुत बड़ा है, जिससे दर्शक कोयला खदान रेस्क्यू के साथ खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकेंगे। टीनू सुरेश देसाई द्वारा निर्देशित फिल्म पहले कुछ मिनटों में ही अपना टोन सेट कर लेती है और अपनी दिशा पर कायम रहती है। अक्षय कुमार द्वारा शानदार ढंग से निभाया गया किरदार जसवन्त सिंह गिल और उनके रेस्क्यू मिशन को दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जाता है।

ये ऐसा रेस्क्यू ऑपरेशन है जो कभी दुनिया में कहीं नहीं हुआ था। फिल्म आशा, लचीलेपन और टीम वर्क की एक सम्मोहक कहानी है। फिल्म मुख्य किरदारों के परिचय के साथ शुरू होती है और एक रोमांचक थ्रिलर में बदल जाती है, जो अंत तक आपको कुर्सी से बांधे रखती है। यह कहानी जीवित रहने और उम्मीद की एक महीन डोर पर टिके रहने की कहानी है, साथ ही यह जसवन्त सिंह गिल के बारे में भी है, जो जिंदगियों को बचाने के लिए प्रेरित, समर्पित और अथक प्रयास करता है। जसवन्त सिंह की पत्नी निर्दोश कौर गिल के किरदार में परिणीति चोपड़ा ने बेस्ट परफॉर्मेंस दी है। लेकिन फिल्म पूरी तरह से गिल के बारे में है और अक्षय कुमार ने अपने करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस दिया है।

निर्देशक-अभिनेता की जोड़ी पहले ही ‘रुस्तम’ के लिए नेशनल अवॉर्ड ले चुकी है और इस बात पर कोई हैरानी नहीं होगी, अगर ‘मिशन रानीगंज’ उन्हें दूसरा अवॉर्ड दिलवा दे। लाइटिंग, कैमरावर्क और स्पेशल इफेट्स, और अंडरग्राउंड वाटर सीन जबरदस्त है। कोयला खदान बचाव को केंद्र में रखकर एक शानदार ढंग से बनाई गई फिल्म, बड़े पर्दे पर देखना अद्भुत अनुभव है। यह हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। सत्य घटना से प्रेरित कहानी में भरपूर ड्रामा और रहस्य है, जिसमें पूरे समूह के शानदार प्रदर्शन और शानदार बैकग्राउंड स्कोर शामिल है। (आईएएनएस)

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