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अमिताभ बच्चन की फ़िल्मों का फ़ेस्टिवल

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अमिताभ बच्चन की फ़िल्मों का फ़ेस्टिवल
इस 11 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन 80 बरस के हो जाएंगे। यह कमाल ही कहा जाएगा कि कोई इतना बड़ा अभिनेता इस उम्र पर भी इतना सक्रिय और इतना लोकप्रिय है। देव आनंद को छोड़ दें तो ऐसा कोई और उदाहरण मुश्किल से मिलेगा। और देव आनंद भी जब इस उम्र तक पहुंचे तो अपनी धुन और जिद में फिल्में तो बनाए चले जा रहे थे, लेकिन उनका बाजार कहीं पीछे छूट गया था जबकि अमिताभ का बाजार बाकायदा उनके साथ चल रहा है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन नामक संस्था ने अमिताभ के जन्मदिन पर इस बार उनकी यादगार फिल्मों का एक फेस्टिवल आयोजित करने का फैसला किया है। इस फेस्टिवल का नाम होगा ‘बैक टू बिगनिंग।‘ इसके लिए देश के सत्रह बड़े शहरों में बाइस स्क्रीनों पर 8 से 11 अक्टूबर तक केवल अमिताभ बच्चन की फिल्में दिखाई जाएंगी। ये फिल्में हैं ‘डॉन’, ‘काला पत्थर’, ‘कालिया’, ‘कभी कभी’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘नमक हलाल’, ‘अभिमान’, ‘मिली’, ‘चुपके चुपके’, ‘सत्ते पे सत्ता’ और ‘दीवार।’ मतलब यह कि जन्मदिन ग्यारह तारीख का है तो फेस्टिवल में फिल्में भी ग्यारह ली गई हैं। मगर इनमें से कोई भी फिल्म ऐसी नहीं है जिसमें अमिताभ के साथ रेखा भी हों। ये दोनों ‘गंगा की सौगंध’, ‘सिलसिला’, ‘दो अनजाने’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘सुहाग’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘खून पसीना’, ‘राम बलराम’ और ‘आलाप’ में एक साथ आए थे जबकि इन दोनों की एक और फिल्म ‘अपना पराया’ पूरी बन ही नहीं सकी थी। निर्माता जीएम रोशन और निर्देशक कुंदन कुमार इसकी काफी शूटिंग कर चुके थे, मगर बजट नहीं होने के कारण उन्होंने इसे बीच में ही रोक दिया था। बाद में इसे नए कलाकारों और नए नाम के साथ रिलीज किया गया था। लगता है कि फेस्टिवल में ऐसी कोई भी फिल्म नहीं रखने का फैसला जानबूझ कर किया गया होगा जिसमें अमिताभ के साथ रेखा भी हों। इसका कारण सबको पता है। लेकिन इसका क्या किया जाए कि रेखा का जन्मदिन अमिताभ से एक ही दिन पहले पड़ता है और वे इस 10 अक्टूबर को 68 साल की होने जा रही हैं। और ऐसा कभी नहीं होता कि इनमें से किसी के भी जन्मदिन पर दूसरे का जिक्र नहीं हो। खास कर हमारे टीवी चैनलों पर।
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