भोपाल। राजनीतिक दलों में चुनावी घोषणा पत्र जारी करते समय विकास के मुद्दों की एक से बढ़कर एक योजनाएं रहती हैं। भाषणों बयान भी विकास पर होते हैं लेकिन जब जब चुनाव आते हैं तब तब जाति और धर्म का बोलबाला मैदान में दिखाई देने लगता है क्योंकि थोक में वोट प्राप्त करने का यह रास्ता सरल लगता है।
दरअसल, अंबेडकर जयंती के बहाने दलितों को साधने की लगभग सभी दल कोशिश करते हैं। अंबेडकर जयंती पर बाबा साहब की जन्मस्थली महू में आज दिग्गज नेताओं का जमावड़ा होने जा रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भीम आर्मी के सुप्रीमो चंद्रशेखर आजाद तो पहुंच ही रहे हैं और नेता भी यहां पहुंचेंगे। प्रदेश में 35 सीटें विधानसभा की दलितों के लिए आरक्षित है पिछले चुनाव में 33 में से 18 कांग्रेस में और 17 भाजपा ने जीती थी लगभग एक करोड़ 30 लाख दलित मतदाता है जिनको ध्यान में रखते हुए महू में आज अंबेडकर जयंती के बहाने राजनीतिक दल अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं और अंबेडकर जयंती के बाद एक बार फिर धर्म की ध्वजा प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल हाथ में लिए चुनाव की तरफ बढ़ेंगे।
बहरहाल, प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में 18 अप्रैल को संत समागम होने जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं। दोनों ही दिग्गजों के संत समागम में हिस्सा लेने से सनातन धर्म महासभा से लेकर जिला प्रशासन और खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। इस दौरान दोनों ही दिग्गज श्याम दास महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसी दौरान नरसिंह मंदिर में 12 से 18 अप्रैल तक श्री राम कथा का आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान संत समागम श्रीराम चार्य महायज्ञ अब देवरा धन का भी आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश भर के कई बड़े संत महात्मा भी हिस्सा लेने जबलपुर पहुंच रहे हैं इस आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है।
वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस भी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पुजारियों का सम्मेलन करने के बाद अब कांग्रेस का पुजारी प्रकोष्ठ पूरे प्रदेश में धर्म रक्षा यात्रा निकालने जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेश हिंदू धर्म को जागृत करने का काम करेगी और किसी भी प्रकार के चलावे से दूर रहने की सलाह देगी धर्म से जुड़े लोगों को सजग बनाने के लिए 15 अप्रैल से धर्म रक्षा यात्रा निकाली जा रही है। हिंदू मठ मंदिरों पर सरकारी दबाव खत्म करने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ में पुजारी प्रकोष्ठ के प्लान को मंजूरी दे दी है और इस यात्रा में कांग्रेस के सभी बड़े नेता जगह-जगह शामिल होंगे।
कुल मिलाकर चुनावी वर्ष में राजनीतिक दलों को जाति और धर्म से जुड़े मुद्दों को उभारने की कोशिश तेज हो गई है। वहीं ऐसे कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं जिससे बहुसंख्यक हिंदू समाज को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।