मध्य प्रदेश

शून्य से शिखर तक आदिवासी आगाज

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शून्य से शिखर तक आदिवासी आगाज
भोपाल। पूरे देश में आदिवासी वर्ग को आकर्षित करने के लिए गांव से लेकर दिल्ली तक राजनीति का आगाज हो चुका है अब प्रदेश में मिशन 2023 तक और देश में मिशन 2024 तक राजनीतिक दलों की आवाज में आदिवासी ही सुनाई देगा। दरअसल, जो लोग यह समझ रहे हो की 15 नवंबर को राजनीतिक दलों ने बरसा मुडा की जयंती पर राजनीतिक दलों ने कार्यक्रम करके फुर्सत पाली हो ऐसा नहीं है, यह क्रम चलता रहेगा। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 नवंबर की सुबह आदिवासी कलाकारों के साथ नाश्ता किया और कलाकारों की कला को प्रोत्साहित करने के लिए पद्मश्री की तरह मध्य प्रदेश का राजा संग्राम शाह पुरस्कार स्थापित करने की घोषणा की जिसमें कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। यह पुरस्कार जनजाति समुदाय के नृत्य संगीत और अन्य कलाओं में श्रेष्ठ कलाकारों को हर साल दिया जाएगा 1 नवंबर को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस के दिन यह पुरस्कार जनजाति कलाकारों के लिए दिया जाएगा और जिन कलाकारों ने जनजाति गौरव दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अपनी कला का प्रदर्शन कर नृत्य कौशल दिखाया है। उन सभी 650 कलाकारों को पांच ₹5000 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय कलाकार पद्मश्री भूरी बाई पद्मश्री भज्जू श्याम का पुष्प भेंट कर स्वागत किया एवं सभी के साथ बैठकर नाश्ता किया। यही नहीं सत्ता और संगठन आदिवासियों के हित में कौन से कदम उठाए जा सकते हैं। इस पर लगातार चिंतन करते हुए निर्णय लेता रहेगा। जैसे मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों से कर्ज पर ऊंची ब्याज दरों की वसूली अब नहीं हो पाएगी गैर लाइसेंसी साहूकार नहीं भूल पाएंगे। आदिवासियों को बांटा कर्ज ऐसे निर्णय होते रहेंगे जब सत्ताधारी दल भाजपा आदिवासियों से प्रेम प्रकट करने की निरंतरता बनाए हुए हैं तब विपक्षी दल कांग्रेश भी आदिवासियों के बीच सक्रिय भूमिका निभाने जा रही है। इसके लिए पार्टी आदिवासियों के बीच ग्राउंड लेवल पर उतर कर काम करने की तैयारी में है। पार्टी का पूरा फोकस जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों पर रहेगा। जिनमें वह पार्टी नेताओं खासकर युवक कांग्रेस और आदिवासी संगठन को भेजेगा। janjatiya gaurav diwas shivraj पार्टी का इस समय सदस्यता अभियान चल रहा है और इस अभियान के जरिए आदिवासी को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। युवक कांग्रेस एक भूत 5 युद्ध का फार्मूला यहां पर लागू करेगा। वह हर बूथ पर पांच-पांच युद्ध उतार कर अपने अभियान को चलाएगी जिसमें हर बूथ पर 5 युवा लोग घर-घर जाकर युवाओं को कांग्रेस से जुड़ने के लिए सदस्यता दिलाएंगे। वहीं आदिवासी कांग्रेस की बी टीम इन क्षेत्रों में सदस्य बनाने का काम करेगी क्योंकि प्रदेश में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कांग्रेस के पास अधिकतम सीटें हैं और वह उन सीटों को 2023 के चुनाव में बढ़ाना चाहती है जबकि भाजपा 2013 की तरह इन सीटों को जीतना चाहती है। इसी कारण दोनों दल आदिवासी के बीच निरंतर सक्रिय रहने के कार्यक्रम बना रहे हैं। कुल मिलाकर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस प्रतिवर्ष मनाए जाने की प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही राजनीतिक वातावरण में 0 से लेकर शिखर तक आदिवासी आगाज हो चुका है।
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