गेस्ट कॉलम

मुसीबत को टालने जैसा हो गया है मंत्रिमंडल का गठन

Share
मुसीबत को टालने जैसा हो गया है मंत्रिमंडल का गठन
दरअसल जितनी विपरीत परिस्थितियों में भाजपा की सरकार बनी थी उससे भी कहीं ज्यादा कठिन परिस्थितियां कोरोना महामारी और 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव ने मंत्रिमंडल गठन के लिए पैदा कर दी है और पिछले एक महीने से तारीख पर तारीख सोशल मीडिया पर चल रही हैं लेकिन अभी तक तय नहीं हो पाया है कि आखिर मंत्रिमंडल का गठन कब होगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश अध्यक्ष बी. डी. शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ एक दर्जन से ज्यादा बार बैठक एवं चर्चा हो चुकी लेकिन अभी तक सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है कुछ नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। यही कारण है कि अब पार्टी हाईकमान की सहमति से सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके लिए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 30 मई को दिल्ली में रहेंगे। जहां केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को शपथ लिए एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। इसी दौरान चौहान केंद्रीय नेताओं और ज्योतिराज सिंधिया के साथ चर्चा करके 31 मई को भोपाल लौटेंगे और सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फिर एक जून को मंत्रिमंडल का गठन कर दिया जाएगा एक जून को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में रहेंगे। 31 मई को लॉक डाउन का चौथा चरण भी पूरा हो रहा है और आगे के चरण में बहुत सारी ढील दिए जाने की संभावना है तब राजभवन की बजाए मिंटो हाल में भी मंत्रिमंडल का शपथ समारोह आयोजित किया जा सकता इसके लिए यह भी तर्क दिया जा रहा है कि राजभवन में एक कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव आया है इस कारण राजभवन में अब कम से कम आवाजाही रखी जाए। बहरहाल, मंत्रिमंडल के गठन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ चर्चाओं का दौर जारी है और मंत्री बनने की आस लगाए दो दर्जन से ज्यादा विधायक पिछले एक महीने से भोपाल में अधिकांश समय डेरा डाले रहे। इसके बावजूद भी समन्वय नहीं बन पाया अभी भी कुछ नामों को लेकर असहमति है। कहीं जाति समीकरण तो कहीं क्षेत्रीय तो कहीं कहीं उपचुनाव की दृष्टि से भी अलग अलग तर्क दिए जा रहे हैं। मंत्रिमंडल की सूची फाइनल होने के बाद ही प्रदेश संगठन पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों का चयन करेगा। सिंधिया समर्थकों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है जिनमें राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, एंदल सिंह कसाना, हरदीप सिंह डंग बिसाहू लाल सिंह और रणवीर जाटव के नाम है। कुल मिलाकर मंत्रिमंडल का गठन अब ज्यादा दिन नहीं टाला जा सकता है क्योंकि 24 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा के उपचुनाव के लिए तैयारियां भी करनी है और कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों से मुकाबला भी करना है। मंत्रिमंडल गठन में विधानसभा अध्यक्ष का नाम चयन करना भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिसके लिए ऐसे विधायक की तलाश की जा रही है। जो सदन के अंदर मजबूत विपक्षी दल कांग्रेस से होने वाले हमलों की उसी तरह सरकार की रक्षा करें। जैसे कि ईश्वरदास रोहाणी या सीताशरण शर्मा करते रहे हैं। इसके लिए संघ से जुड़े किसी ऐसे विधायक को चुना जाएगा जो परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले सकें। मंत्रिमंडल के गठन में जोश और होश का समन्वय बनाया जाएगा जिसमें आधा दर्जन ऐसे वरिष्ठ विधायक रहेंगे जो सदन के अंदर और बाहर सरकार यदि मददगार साबित हो सके और बाकी युवा विधायकों को मौका दिया जाएगा जिससे भविष्य के लिए पार्टी का आधार तैयार किया जा सके और इसी के माध्यम से जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधा जाएगा।
Published

और पढ़ें