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दिल्ली मॉडल बनाएगा भारत को विश्वगुरु?

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दिल्ली मॉडल बनाएगा भारत को विश्वगुरु?
जिस दौर में बेरोज़गारी आसमान छू रही हो और मास्टर डिग्री हासिल करके भी युवा चपरासी की नौकरी का आवेदन कर रहे हों उस दौर में केजरीवाल सरकार का ये शिक्षा मॉडल वाक़ई देश को विश्वगुरु की श्रेणी में खड़ा कर सकता है। सोचिये अगर ऐसी योजना देशभर में लागू हो और देशभर में युवा नौकरी माँगने की बजाय नौकरी देने की योजना बनाने लगें तो देश कैसे तरक़्क़ी के नये आयाम छूने लगेगा। समय गवाह है कि दुनिया में वही गुरु महान हुए जिनके शिष्य जिंदगी में कुछ महान कर पाए| वही शिक्षा पद्धति कामयाब कही गयी जो एक छात्र को कामयाब व्यक्ति बना पायी| प्राचीनकाल में राजकुमार भी जंगल में गुरुकुल या आश्रम शिक्षा के लिए जाते थे क्योंकि उन्हें वहां उच्चतम ज्ञान मिलता था जो उन्हें जीवन की चुनौतियों में अव्वल रहने में मदद करता था| लेकिन आज युवा मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद भी चपरासी की नौकरी का आवेदन करने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं| क्या ऐसी शिक्षा पद्धति के जरिये हम वो युवा पीढ़ी तैयार कर सकते हैं जो भारत को विश्वगुरु का खिताब दिला सके? दुनिया का सबसे युवा और हुनरमंद देश होने के बावजूद क्यों ऐसा है कि हमें तकनीक और आइडिया विदेशों से लेने पड़ते हैं? देश को विश्वगुरु बनाने के लिए युवा पीढ़ी की सोच और आत्मविश्वास ऐसा होना चाहिए जो वैश्विक स्तर पर उन्हें चुनौतियों का सामना करने और जीतने की काबिलियत दे सके| शिक्षा का दिल्ली मॉडल युवाओं को वो सोच और आत्मविश्वास दे रहा है जो उन्हें नौकरी मांगने को मजबूर नहीं करेगा बल्कि नौकरी उपलब्ध करवाने की काबिलियत देगा| ये शिक्षा मॉडल उन्हें अवसरों के लिए विदेश भागने को मजबूर करने की बजाय नये अवसर देश में पैदा करना सिखा रहा है| ये वो शिक्षा मॉडल है जो गरीब घर के बच्चों को भी बडे़ सपने देखने और बड़ा बिजनेसमैन बनने का मौका दे रहा है| सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे बिज़नेस आइडिया सोच रहे हैं और सरकार उनके आइडिया पर इन्वेस्ट कर रही है और व्यवसायियों से भी करवा रही है। आम तौर पर स्कूल से पढ़ कर कालेज, फिर कालेज से पढ़कर किसी कंपनी में नौकरी और फिर अगर दशकों बाद कुछ पैसे जोड़ पाए तो एक आम आदमी अपने किसी बिज़नेस आइडिया पर काम करने के बारे में सोच पाता था। अब उसे ये मौक़ा स्कूल में ही मिल रहा है, यानि कालेज की दहलीज़ पार करने तक वो आइडिया एक कामयाब बिज़नेस में तब्दील हो सकता है और फिर इन युवाओं को नौकरी की क़तार में नहीं लगना होगा। ये युवा अपनी सोच को अब मनचाही उड़ान दे पाएँगे। Delhi model world guru Read also परमाणु हथियारों का खात्मा जिस दौर में बेरोज़गारी आसमान छू रही हो और मास्टर डिग्री हासिल करके भी युवा चपरासी की नौकरी का आवेदन कर रहे हों उस दौर में केजरीवाल सरकार का ये शिक्षा मॉडल वाक़ई देश को विश्वगुरु की श्रेणी में खड़ा कर सकता है। सोचिये अगर ऐसी योजना देशभर में लागू हो और देशभर में युवा नौकरी माँगने की बजाय नौकरी देने की योजना बनाने लगें तो देश कैसे तरक़्क़ी के नये आयाम छूने लगेगा। जी नहीं, ये कोई ख़्वाब नहीं, आज की हक़ीक़त है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे अपने हुनर का इस्तेमाल कर वो कारनामे कर रहे हैं जो एक आम आदमी को बड़ा बिज़नेसमैन बना देते हैं। दिल्ली के स्कूलों के 3 लाख बच्चे इस वक़्त अपने बिज़नेस आइडिया को कामयाब बनाने के लिए दिमाग़ लड़ा रहे हैं। इन छात्रों ने मिलकर कुल 51 हज़ार टीमें बनाई हैं। हर टीम अपना बिज़नेस आइडिया लेकर आती है, सरकार हर छात्र को शुरुआत करने के लिए 2 हज़ार रुपये की रक़म मुहैया कराती है ताकि आइडिया के साइंटिफिक और मार्केटिंग प्लान पर काम कर छात्र उस आइडिया को एक बिज़नेस प्रोडक्ट में बदल सकें। तमाम टीमों को इस रास्ते में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन उस वक़्त उनका हाथ थामने के लिए स्कूल टीचर से लेकर मार्केट एक्सपर्ट तक मौजूद रहते हैं जो उनके हर सवाल का जवाब तलाशने में उनकी मदद करते हैं। सरकार ने इस योजना के लिए सीड कैपिटल के तौर पर 60 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। यक़ीन मानिये जिस तरह के आइडिया छात्र इस योजना के तहत लेकर आ रहे हैं वो निश्चित ही कल के कामयाब बिज़नेस बन सकते हैं। आपको कॉफी पीने की आदत है लेकिन कैफ़ीन नहीं लेना चाहते? ऐसे लोगों के लिए एक टीम नया ड्रिंक लेकर आयी है जिसका स्वाद तो बिल्कुल कॉफी की तरह है लेकिन उसमें कैफ़ीन नहीं है। इस ड्रिंक को खजूर की गुठली से तैयार किया गया है। ऑटोमेटिक व्हील चेयर का सस्ता विकल्प हो या पॉलीथीन का बायो विकल्प, इन सरकारी स्कूल के छात्रों के बिजनेस आइडिया में ये सब शामिल है। किसी टीम ने अपने बिज़नेस आइडिया से दुकानों में चोरी रोकने का बेहतरीन उपाय निकाल लिया है तो किसी ने ऐसी एप बना दी है जो आपको घर पर ही टेलर मुहैया करवा देगी और दर्ज़ी ढूंढ कर वहाँ जाने का झंझट ही ख़त्म हो जाएगा। पहले राउंड की 51 हज़ार टीमों में से टॉप 1 हज़ार टीमों का दूसरे राउंड के लिए चयन किया गया है जिनके आइडिया लागू किये जाने के काबिल बन चुके हैं। इन टीमों को मार्केट एक्सपर्ट्स और बिज़नेसमैन का गाइडेंस और बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए बजट मुहैया करवाया जा रहा है। इनमें से 100 टॉप टीमों के लिए सरकार एक एक्सपो का आयोजन करेगी जहां देश भर के इन्वेस्टर्स और बिज़नेसमैन को आमंत्रित किया जाएगा। इनमें से सैकड़ों बिज़नेस आइडिया कल एक बड़ी कंपनी बनने का क़ाबिलियत रखते हैं, हज़ारों छात्र इस योजना से अपने जीवन की दिशा तय कर लेंगे और लाखों छात्र अगर इस योजना से एक कामयाब बिज़नेसमैन नहीं भी बन पाए तो स्कूल के स्तर पर ही उन चुनौतियों का सामना करना तो कम से कम सीख ही जाएँगे जिनका उन्हें आने वाले कल में मुक़ाबला करना है। ये युवा जब कामयाब होकर निकलेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे तब गुरु के बारे में भी पूछा जाएगा। तब इस योजना के जनक दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया गुरु द्रोण होंगे और देश विश्वगुरु।
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