दरअसल जिस तरह से कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दलबदल हुआ है, गुजरात में जारी है और राजस्थान में विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है उसके चलते राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश के विधायकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
राज्यसभा के चुनाव के बाद दोनों ही दलों के निशाने पर वे 24 विधानसभा की सीटें जहां पर सितंबर के आखिर तक उपचुनाव होना संभावित है अपने 22 विधायकों को खोकर प्रदेश में सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस खासी चौकन्नी है। वह है अपने विधायकों को तो एकता के सूत्र में पिरोना ही चाहती है साथ ही बसपा, सपा और निर्दलीयों को भी वापस लाने की कोशिश में है और यदि संभव हो सका तो फिर वह भाजपा खेमे में भी सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने 2 दिन विधायकों की बैठक रखी है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भोपाल पहुंच रहे हैं। साथ ही प्रदेश के तमाम दिग्गज नेता भी इस दौरान भोपाल में रहेंगे और रणनीति को अंतिम रूप देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास इन सब गतिविधियों का केंद्र रहेगा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में औपचारिक बैठकें होंगी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने एमपी नगर थाने जाएंगे। कांग्रेस का साफ संदेश है कि वह इस बार पहले की तरह सत्ता गंवाने के बाद चुप नहीं बैठेगी। वह कदम-कदम पर भाजपा का मुकाबला करेगी और सत्ता में वापसी करने की हर संभव कोशिश करती रहेगी।
बहरहाल राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा भी कम भयभीत नहीं है। पार्टी ने इस चुनाव में कोई गड़बड़ ना हो इसके लिए भले ही मंत्रिमंडल का विस्तार लगातार टाला हो लेकिन पार्टी अभी भी सतर्क और सावधान है। पार्टी ने सभी विधायकों को आज भोपाल पहुंचने के निर्देश दिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच एक बैठक हुई जिसमें राज्यसभा और 24 सीटों के विधानसभा के उपचुनाव के लिए रणनीति बनाई गई। इस दौरान पार्टी कार्यालय में प्रबंध कार्यालय का शुभारंभ पूजा-पाठ के साथ शुरू किया गया। बाद में तीनों ही नेता लखनऊ गए जहां राज्यपाल लालजी टंडन के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
इन चुनाव के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा आज संघ कार्यालय में भाजपा नेताओं के साथ संघ नेताओं की भी होने जा रही है जिसमें राज्यसभा चुनाव के लिए नियुक्त किए गए। पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी.जे. पांडा भी उपस्थित रहेंगे। यही नेता प्रदेश प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे की उपस्थिति में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक 18 जून की शाम को 6:00 बजे आयोजित की गई है।
कुल मिलाकर प्रदेश में दलीय निष्ठा कसौटी पर है क्योंकि अब प्रदेश में दलबदल का चस्का नेताओं को लग चुका है। अब पार्टी द्वारा उपेक्षा या दमन होने पर विकल्प के रूप में दलबदल करके अपने अस्तित्व का भान कराने का भाव अधिकांश नेताओं के अंदर आ गया है क्योंकि जमीनी हकीकत भी राजनीति की कुछ इस तरह है कि दोनों ही दल लगभग बराबरी की मजबूती पर हैं। 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए जिस तरह से आ रहे हैं उससे कांग्रेस पार्टी का मनोबल बना हुआ है। इसके पहले यह माना जा रहा था कि राज्य और केंद्र में भाजपा की सत्ता होने के कारण कांग्रेस कहीं मैदान में टेकेगी नहीं लेकिन फिलहाल मैदान में मुकाबला बराबरी का नजर आ रहा है जबकि अभी कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में है नहीं और भाजपा लगातार कांग्रेस नेताओं को इन क्षेत्रों में तोड़कर भाजपा की सदस्यता दिला रही है।
इन्हीं सब राजनीतिक परिस्थितियों के चलते दोनों ही दलों के नेताओं की धड़कन बढ़ी हुई है। कहीं ऐसा न हो कि राज्यसभा चुनाव के दौरान कोई बड़ा धमाका हो जाए और पार्टी उसी तरह हाथ मलते रह जाए जैसे कि कांग्रेस अब तक पछता रही है। यही कारण है कि राजधानी में 3 दिन ना केवल राजनैतिक जमावड़ा रहेगा वरन जनप्रतिनिधियों पर कड़ा पहरा भी रहेगा।