देश चालू वित्तवर्ष 2021-22 में 400 अरब डॉलर के रिकॉर्ड निर्यात का आंकड़ा छूने जा रहा है। पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर 2021) में 232 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया जा चुका है। इसी अवधि में वितवर्ष 2019-20 और 2020-21 में भारतीय निर्यात क्रमश: 185 अरब डॉलर और 150 अरब डॉलर रहा था। इस सफलता के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर में 640 अरब डॉलर पर पहुंच गया। India Economy beat Corona
क्या देश की आर्थिकी कोरोना की जकड़ से बाहर निकल गई है? जो संकेत अब तक मिले है, उससे प्रतीत होता है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 जनित डेढ़ वर्षीय विनाशकारी अंतराल के पश्चात करोड़ों भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान और मन में आशा व संतोष का भाव है। तीव्र टीकाकरण के बीच कोरोना के मामले नियंत्रित है। देश का निर्यात और उत्पादन बढ़ रहा है। रोजगार के अवसरों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है। बाजारों (ऑनलाइन सहित) में लोग जमकर खरीदारी कर रहे है। सरकारी और गैर-सरकारी आंकड़े भी इसी वास्तविकता को रेखांकित कर रहे है।
देश चालू वित्तवर्ष 2021-22 में 400 अरब डॉलर के रिकॉर्ड निर्यात का आंकड़ा छूने जा रहा है। पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर 2021) में 232 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया जा चुका है। इसी अवधि में वितवर्ष 2019-20 और 2020-21 में भारतीय निर्यात क्रमश: 185 अरब डॉलर और 150 अरब डॉलर रहा था। इस स्थिति का कारण वैश्विक कंपनियों का औद्योगिक ईकाई स्थापित करने हेतु चीन के बजाय भारत को प्राथमिकता देना है। यही कारण है कि निर्यात क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर भारत ने चीन सहित जी-7 समूह के सभी विकसित, समृद्ध और संपन्न देशों को पीछे छोड़ दिया।
इस सफलता के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर में 640 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है कि असामान्य परिस्थिति में भी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का मूल्य अधिक प्रभावित नहीं होगा। एसबीआई इकोरैप की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण आयात विपत्र (बिल) लगातार बढ़ सकता है। फिर भी इस स्थिति में चालू खाते का घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अधिकतम 1.4 प्रतिशत तक रह सकता है। इसी परिस्थिति के बीच वित्तवर्ष 2012-13 में सीएडी, जीडीपी का 4.82 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यही नहीं, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 11.9 प्रतिशत बढ़ गया, जोकि एक वर्ष पहले इसी माह में 7.1 प्रतिशत था।
आर्थिकी ने कोरोना को दी मात!
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