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खेल बिरादरी में भारत की फजीहत!

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अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय ओलम्पिक समिति से पहलवानों की सुरक्षा और उन्हें न्याय देने का आह्ववान किया है और यदि कहीं चूक हुई तो भारत को ओलम्पिक बिरादरी माफ़ नहीं करने वाली।

फिर से जगत गुरु बनने की ओर अग्रसर भारत को अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि पहलवानों की समस्या को शीघ्र निपटाएं और समय रहते फेडरेशन के चुनाव कराएं वरना भारत को कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। उधर अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय ओलम्पिक समिति से पहलवानों की सुरक्षा और उन्हें न्याय देने का आह्ववान किया है और यदि कहीं चूक हुई तो भारत को ओलम्पिक बिरादरी माफ़ नहीं करने वाली।

भले ही ब्रज भूषण शरण सिंह एक भी अपराध साबित होने पर खुद को फांसी लगाने की बात कर रहे हैं लेकिन भारतीय कुश्ती को लेकर दुनिया जहां में जो कुछ कहा सुना जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया जिस प्रकार से भारत की खिल्ली उड़ा रहा है, उसे देखते हुए भारतीय कुश्ती का कद घटना स्वाभाविक है। भारत के लिए जो सम्मान सुशील, योगेश्वर, साक्षी, रवि दहिया, बजरंग, फोगाट बहनों -गीता, बबीता, संगीता आदि ने अर्जित किया था उस पर आघात पहुँचाने वाला और कोई नहीं, कुश्ती फेडरेशन का पिता ब्रज भूषण है, ऐसा पहलवानों का आरोप है।

हालाँकि पहलवानों के साथ न्याय होना बाकी है और पर्याप्त जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ब्रज भूषण अपराधी हैं या उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। इतना निश्चित है कि खेल महाशक्ति बनने का दावा करने वाला देश उपहास का पात्र बन गया है। विदेशों में रह रहे भारत वंशी अक्सर इस बारे में पूछ ताछ करते हैं और जानना चाहते हैं कि भारत में आखिर चल क्या रहा है और क्यों कुश्ती को चित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है? बहुत से कुश्ती प्रेमी देश भक्त पूछते हैं कि आखिर ब्रज भूषण ऐसी कौनसी तोप है, जिसके सामने भारत सरकार भी लाचार है।

पहलवानों से सरकार, उसका खेल मंत्री और पीटी उषा और मेरीकॉम जैसी हस्तियां क्यों खफा हैं, इस प्रकार के सवाल अक्सर देश विदेश में पूछे जा रहे हैं। इधर भारत में कुश्ती प्रेमी, पहलवान और गुरु खलीफा लुक छुप कर और सरे आम पुलिस और प्रशासन को बुरा भला कह रहे हैं। पहलवानों के अनुसार ब्रज भूषण को बचाने के लिए सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए हैं।

बजरंग और साक्षी के अनुसार पहलवानों पर राजनीति करने के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन खेल मंत्री, उषा, और मेरीकॉम ने किस नीति से उनके आंदोलन का विरोध किया और क्यों कर पुलिस से पिटवाया? आईओसी और वर्ल्ड रेसलिंग यूनियन के तीखे कदम का पहलवान स्वागत करते हैं और कहते हैं कि आईओसी और अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के दखल का सीधा सा मतलब है कि भारत सरकार, उसके खेल मंत्रालय और आईओए ने पहलवानों के साथ न्याय नहीं किया, जिसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं और भारत को खेल बिरादरी से बेदखल भी किया जा सकता है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

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