Naya India

अभयता के लिए भाजपा की भागदौड़

भोपाल। तमाम ऐसे कारण हैं जिनके कारण भाजपा 2018 की तरह सप्ताह नहीं गंवाना चाहते बल्कि जीत के प्रति अभयता लाने के लिए होली बाद भागदौड़ तेज होगी। वरिष्ठ नेताओं को हारी हुई सीटों की जिम्मेवारी दी जाएगी और विधानसभा संयोजकों से साफ तौर पर कह दिया गया है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना है। यही नहीं विभिन्न निगम – मंडलों में नियुक्तियां मंत्रियों के प्रभार जिलों और विभागों में परिवर्तन एवं जरूरी हुआ चार खाली पड़े मंत्री पद भी भरे जा सकते हैं।

तमाम ऐसे कारण हैं जिनके कारण भाजपा 2018 की तरह सत्ता नहीं गवाना चाहती बल्कि जीत के प्रति अभयता लाने के लिए होली बाद भागदौड़ तेज होगी वरिष्ठ नेताओं को हारी हुई सीटों की जिम्मेवारी दी जाएगी और विधानसभा संयोजकों से साफ तौर पर कह दिया गया है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना है। यही नहीं विभिन्न निगम मंडलों में नियुक्तियां मंत्रियों के प्रभार जिलों और विभागों में परिवर्तन एवं जरूरी हुआ चार खाली पड़े मंत्री पद भी भरे जा सकते हैं।

वैसे तो भाजपा 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से ही प्रदेश के लिए चौकन्नी हो गई थी। जैसे- तैसे डेढ़ साल बाद सत्ता में वापसी की और तब से ही लगातार 2023 की तैयारियां चल रही है लेकिन त्रिस्तरीय पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनाव परिणामों के बाद भाजपा यह समझ गई है यह तैयारी अभी भी अधूरी है। अभी और भी कुछ करना बाकी है और तब से लगातार क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा लगातार कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति तनावपूर्ण नहीं नियंत्रण में रहे। इसी के लिए आधी आबादी को साधने की दृष्टि से “लाडली बहना” योजना मुख्यमंत्री लेकर आए हैं। बूथ विस्तारक अभियान दो शुरू किया गया है। इस अभियान में वरिष्ठ नेताओं को भी बूथ स्तर पर जाना होगा। विधानसभा के संयोजकों से स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि उन्हें चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी दी गई है चुनाव लड़ना नहीं है।

बहरहाल, राजधानी भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार बैठक और मंथन कर रहे हैं। होली के त्यौहार पर विधानसभा स्थगित हो जाने पर अधिकांश विधायक और मंत्री अपने क्षेत्र में चले गए थे लेकिन रविवार को मंत्रियों को वापस भोपाल बुलाया गया और प्रदेश भाजपा कार्यालय में मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश उपस्थित रहे। जिसमें मंत्रियों को संगठन में साफ तौर पर कह दिया यदि हम सरकार में हैं तो संगठन और कार्यकर्ताओं की वजह से इसी कारण आप लोग मंत्री हैं इसलिए संगठन के कामों को प्राथमिकता दें पार्टी जो भी कार्यक्रम निर्धारित करें उसे गंभीरतापूर्वक समयबद्ध तरीके से पूरा करें।

किसी भी हालत में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश करें। कार्यकर्ताओं का संतुष्ट होना बहुत जरूरी है। यहां तक कहा गया कि जो भी मंत्री संगठन के कामों में गंभीरता नहीं दिखाएंगे। आगे के लिए वे स्वयं उत्तरदाई होंगे मंत्रियों को कहा गया है कि वे प्रभार के जिलों में कम से कम एक रात जरूर बुझा रहे हैं। हर महीने कोर कमेटी की बैठक में उपस्थित हो जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ कारीगरी भोजन करें मंडल अध्यक्षों और जिला पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद जिले की सरकारी बैठकों में जाएं कहीं भी कार्यक्रम में स्वीकृति देने के पहले स्थानीय जिला अध्यक्ष से जरूर चर्चा करें मंत्रियों से प्रभार जिलों का रिपोर्ट कार्ड भी लिया गया इस दौरान कुछ मंत्रियों ने प्रभार जिले की दूरी ज्यादा होने की परेशानी बताई और मंत्रियों के अनुरोध पर जल्द ही प्रभार जिलों में बदलाव किया जाएगा।

कुल मिलाकर प्रदेश में पार्टी के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सत्ता और संगठन ने कमर कस ली है और होली के बाद विधानसभा का सत्र खत्म होते ही सभी जरूर निर्णय तेजी से लिए जाएंगे। जिसमें खाली निगम – मंडलों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। इसी तरह मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया जाएगा। जिसमें खाली पड़े 4 पदों को भरा जाएगा मंत्रियों के विभागों और प्रभार जिलों में भी परिवर्तन किया जाएगा।

कुल मिलाकर पार्टी के सत्ता और संगठन से जुड़े सभी नेता अपना बेस्ट परफारमेंस देने के लिए सक्रिय हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना ना केवल लागू की वरन उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना सेना भी बनाएंगे राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में लाडली बहना योजना शुरुआत करते समय मुख्यमंत्री घुटनों के बल भी बैठ गए और महिलाओं को प्रणाम करते हुए कहा कि अभी तक मैं बेटियों की पूजा करता था लेकिन बहनों में भी तो मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती को देखता हूं। बहनों की सेवा कर मेरा मुख्यमंत्री बनना और मानव जीवन सफल हो सार्थक हो गया उन्होंने कहा कि एक लाडली बहना सेना भी बनाएंगे और गड़बड़ करने वालों को ठीक कर देंगे।

जाहिर है प्रदेश में सत्ताधारी दल भाजपा 2018 की तरह किसी भी प्रकार के ओवरकॉन्फिडेंस में नहीं रहना चाहते और सत्ता और संगठन ने इस बात के लिए कमर कस ली है की प्रत्येक बूथ पर 50% से ज्यादा वोट मिलने की स्थिति चुनाव से कुछ महीने पहले बन जाए।

Exit mobile version