
भोपाल। प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों के दिए दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस एक्टिव मोड पर आ गए हैं भाजपा ने जहां पौने दो लाख त्रिदेव को प्रशिक्षण दिया है वही कांग्रेश मैं नेताओं की एकता और सक्रियता दिखाई दे रही है। दरअसल प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर 2023 में सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के सत्ता से बाहर होने से मध्य प्रदेश के चुनाव में इन दिनों की भूमिका वोट काटने तक ही सीमित रहेगी जिस तरह से समय से पहले भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है उस लिहाज से मतदाताओं का ध्रुवीकरण भी दोनों दलों के बीच होना माना जा रहा है। madhya pradesh assembly election
यही कारण है की सत्तारूढ़ दल भाजपा ने जहां समय से पहले चुनावी भय से मुक्त होने के लिए बूथ स्तर पर जमावट में कसावट अभूतपूर्व तरीके से लाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है कोर ग्रुप की बैठक के बाद भाजपा के अधिकांश नेता सन्नाटे में हैं क्योंकि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व आगामी दिनों पार्टी में क्या क्या परिवर्तन करेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता वैसे मंत्रिमंडल विस्तार निगम मंडलों में नियुक्तियां और संगठन के कुछ पदाधिकारियों बदलाव की चर्चा चल ही रही है मई में व्यापक स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की भी चर्चाएं जोर पकड़ रही है संघ की रिपोर्ट के बाद पार्टी में पिछले कुछ महीनों से कुछ नेताओं में अपनी सक्रियता भी बढ़ा दी है नेताओं के व्यवहार में भी परिवर्तन आया है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं पार्टी की मजबूती के लिए सत्ता और संगठन में अपने अपने स्तर पर अधिकतम प्रयास करने भी शुरू कर दिए हैं।
वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सत्ता में बहाली के लिए अपने आप को बहुत कुछ बदलता हुआ दिखाया जा रहा है कल तक अजय सिंह और पूर्व मंत्री राकेश सिंह के संबंधों को लेकर जो चर्चाएं थी उन पर दोनों नेताओं ने राम लगा दिया है और मिठाई खिलाते हुए फोटो वीडियो सबके सामने आ चुके हैं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की सक्रियता भी बहुत कुछ बयान कर रही है और जिस तरह से चंबल इलाके के वरिष्ठ विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है और इस पद के दावेदारों ने समर्थन दिखाया है उससे पार्टी एक संदेश देने में कामयाब हो रही है कि हम सब एक हैं और 2023 के लिए कमर कस ली है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर प्रदेश की दौरे पर निकलने वाले हैं और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ भी जिला और संभाग स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के और सभाएं शुरू करने वाले हैं।
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रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर पार्टी के सीनियर नेताओं की एक बैठक हुई जिसमें सीनियर नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है और उन मुद्दों को लेकर पार्टी हल्ला बोल करने वाली है जिनको लेकर आम जनता के बीच नाराजगी देखी जा रही है पानी और बिजली की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने साथ ही पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जनता के बीच आएगी। कुल मिलाकर सत्ता में वापसी के लिए जहां कांग्रेस नेताओं में एकता दिखाते हुए आंदोलन करने की योजना बनाई है और बड़े नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों में जिम्मेदारी सौंपी गई है वहीं भाजपा बूथ स्तर पर जमावट करने में जुटी है। madhya pradesh assembly election