भोपाल। प्रदेश में 2023 के विधानसभा के आम चुनाव के लिए अब दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस चुनाव जीतने के हर जतन पर जोर दे रहे हैं। भाजपा ने जहां विकास यात्रा में सांसदों को भी निर्देशित किया है वहीं कांग्रेस कांग्रेस शासित राज्यों के वचन पत्र का अध्ययन कर रही है ताकि चुनाव जिताऊ मुद्दे प्रदेश के वचन पत्र में शामिल किए जा सके।
दरअसल, प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अब 9 महीने से भी कम समय बचा है यही कारण है प्रमुख दलों कि चुनाव जीतने के लिए छटपटाहट बढ़ गई है और सभी उपायों पर विचार किया जा रहा है। जिससे चुनाव जीता जा सके। दोनों ही दल आदिवासियों और दलितों को साधने के लिए पिछले कुछ महीनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में रविदास जयंती पर महाकुंभ आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनेकों घोषणाएं की उस में प्रमुख रूप से सागर के पास बड़तूमा गांव में 100 करोड़ से रविदास जी का मंदिर बनाने की घोषणा भी की।
प्रदेश की लगभग सवा 100 सीटों पर दोनों ही वर्ग निर्णायक भूमिका में होते हैं इसी कारण इस वर्ग को साधने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। वर्गों को सामने के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल भाजपा विकास यात्रा के माध्यम से प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाना चाहती है क्योंकि प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार होने से जो एंटीइनकमबेंसी है। उसको डायलूट करने के लिए विधायक मंत्रियों के साथ-साथ अब सांसदों से भी कहा गया है कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा में कम से कम 2 दिन का समय अवश्य दें और दौरा कार्यक्रम जारी कर पार्टी के प्रदेश कार्यालय को भी अवगत कराएं विकास यात्रा के माध्यम से भाजपा प्रदेश और देश कि सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। कार्यों की एक तरफ ब्रांडिंग कर रही है। वहीं दूसरी ओर विधायक और सांसद के खिलाफ यदि कहीं माहौल है तो वह भी सामने आ जाएगा। ऐसा कुछ जगह हुआ भी है जहां विधायक और मंत्रियों को जनता की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही सभी का आह्वान कर चुके हैं कि वे विकास यात्रा के दौरान बूथ स्तर पर पहुंचकर जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रचारित करें और जो हितग्राही है। उन्हें जोड़ने के लिए प्रयास करें यात्रा के माध्यम से जनता की समस्याओं का निपटारा भी करें और दोनों ही सरकारों की उपलब्धियों से अवगत कराएं।
वहीं दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस एक तरफ जहां चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों की तलाश में है वहीं दूसरी ओर लोकलुभावन घोषणा पत्र बनाने के लिए भी कसरत कर रहे हैं। पार्टी विधानसभा बार जमीनी हकीकत का जायजा ले रही है और उसी के हिसाब से घोषणा पत्र एवं संभावित प्रत्याशियों की सूची भी तैयार कर रही है। पिछले वर्ष की तरह इस बार फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ सर्वे कराएंगे और जिला प्रभारियों और संगठन के पदाधिकारियों के माध्यम से जो रिपोर्ट आएगी उसको सर्वे से तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे।
पार्टी हर उस फार्मूले को अपना रही है। जिसके चलते वह चलते वह जीत सके पार्टी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की योजनाओं का अध्ययन करवाया है और जो योजनाएं अधिकतम पार्टी को लाभ दिला सकते हैं। उन्हें पार्टी अपने वचन पत्र में शामिल करेगी। चुनाव घोषणा पत्र समिति की पहली बैठक 12 फरवरी को होगी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उप समिति द्वारा जिन योजनाओं को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। उनकी समीक्षा करेंगे राज्य स्तर पर वचन पत्र तैयार करने के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में समिति पिछले कुछ महीनों से कई राज्यों की योजनाओं का अध्ययन कर रही है। कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जिन्हें शामिल करने से व्यापक जनसमर्थन पार्टी को मिल सकता है उसमें पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कमलनाथ बार-बार बयान दे चुके हैं जिससे कि कर्मचारियों का समर्थन पार्टी को मिल सके।
कुल मिलाकर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस हर फार्मूले पर काम कर रहे हैं। जिसकी दम पर वे चुनाव जीत सके चाहे जाति समीकरणों को साधने का मामला हो और चाहे घोषणा पत्र में आकर्षक मुद्दों को शामिल करने का विषय है।