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मप्र चुनाव: उपेक्षितों को उपकृत करने पदों के पुरुस्कार

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भोपाल। सत्तारूढ़ दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस तेजी से उपेक्षित कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपकृत करने में जुट गई है जिससे कि चुनावी दौर में मजबूत टीम तैयार की जा सके हालांकि भाजपा के पास उपकृत करने के लिए सत्ता और संगठन है तो कांग्रेस के पास केवल संगठन और सरकार बनने के बाद पदों के आश्वासन है। दरअसल जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं कार्यकर्ता और नेता अपने अस्तित्व का भान जनों को कराने लगे हैं और दलों के रणनीतिकार भी भली-भांति समझ गए हैं कि चुनाव के पहले जितना हो सके अधिकतम अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपकृत करने के जतन किए जाएं खासकर बे कार्यकर्ता और समर्थक जिन्होंने पार्टी के लिए या व्यक्तिगत तौर पर किसी के लिए विपरीत परिस्थितियों में अधिकतम समय दिया है ऐसे लोगों को मनाना जरूरी हो गया है भाजपा में थोक में निगम मंडल और आयोग में नियुक्तियां हो रही है आधा दर्जन से ज्यादा नए आयोग गठन कर दिए हैं हाल ही में परशुराम जयंती पर ब्राह्मण आयोग का गठन करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी जाति समूह को उपेक्षित नहीं करना चाहते बल्कि सबका साथ सबका विकास के तहत आयोग बना रहे। बहरहाल भाजपा में पिछले 1 महीने में विभिन्न निगम मंडलों में नेताओं की नियुक्तियां हुई है और जो नए आयोग का गठन हो रहा है।

उनमें भी जल्दी से नियुक्तियां की जाएगी अब स्तर पर भी नियुक्तियो का दौर शुरू हो गया है मसलन सागर जिले में 11 विकास खंडों 16 नगरपालिका हो नगर पंचायतों और नगर निगम में अंतोदय समितियों का गठन किया गया है जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को उपकृत किया गया है इनमें से अधिकांश को पहली बार किसी समिति में शामिल होने का मौका मिला है।

स्थानीय स्तर पर समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है और सभी गुटों में तालमेल बना रहे इसके प्रयास किए गए हैं हालांकि पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले और कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले अधिकांश कार्यकर्ताओं के नाम नदारद है जिन्हें ना बार्ड पार्षद का टिकट मिला और ना अभी इन समितियों में विधायक को और मंत्रियों की सिफारिश को उनकी विधानसभा क्षेत्रों में प्राथमिकता दी गई है। जिस तरह से लगातार कार्यकर्ताओं की नाराजगी का फीडबैक मिल रहा था उसी को ध्यान में रखते हुए अब पार्टी में उपकृत करने का अभियान चलाया है लेकिन चुनाव के लिए कम समय रह गया है ऐसे में यह अभियान कितना सफल होगा यह तो वक्त ही बताएगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक नियुक्तियों का दौर चल रहा है एक तरफ जहां 16 नेताओं को रविंद्र जनों का प्रभारी बनाया गया है वहीं स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकोष्ठों मैं खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है और बैठकों के माध्यम से सभी को समझाएं जा रहा है की सरकार बनने पर किसी की उपेक्षा नहीं होगी। कुल मिलाकर मैच के पहले जैसे खिलाड़ियों को वार्मअप किया जाता है युद्ध के पहले सेना को अभ्यास कराया जाता है वैसा ही अब चुनाव के पहले राजनीतिक दलों को कार्यकर्ताओं और अपने नेताओं की याद आई है और जैसे भी बन रहा है उन्हें उपकृत करने का अभियान शुरू हो गया है देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर कोशिश की जा रही है लेकिन यह तो चुनाव के परिणाम ही बताएंगे कितनों की एक कोशिश कितनी कामयाब रही।

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