कमलनाथ कांग्रेस की सुई उपचुनाव में जीत के लिए यदि महाराज को गद्दार और शिवराज को झूठा साबित करने पर टिकी हुई है। तो ग्वालियर चंबल की धरती से भाजपा इस बहस को खुद्दार, स्वाभिमान ,वादाखिलाफी, भ्रष्टाचारी, विश्वासघाती, छल कपट की राजनीति, सियासत के दलालों तक ले जा चुकी है।
ग्वालियर के भाजपा जमावड़े की गूंज जो राजधानी भोपाल और दिल्ली तक मीडिया फोरम पर सुनाई देना चाहिए थी, वह नजर नहीं आई। जिस भाजपा को प्रबंधन के मोर्चे पर महारत हासिल वह महाराज की प्रतिष्ठा से जुड़े इस कार्यक्रम में कम से कम भोपाल के मीडिया को प्रभावित नहीं कर पाया .. वह बात और है कि भाजपा संगठन के सोशल मीडिया फोरम और नेताओं के व्यक्तिगत प्रचार प्रसार तक इसने अपना प्रभाव छोड़ा। अंदाजा लगाया जा सकता है, ग्वालियर चंबल से बाहर महाकौशल और दूसरे क्षेत्रों में जहां उपचुनाव होना इसका कितना असर हुआ होगा।
अलबत्ता दूसरे दिन ग्वालियर पहुंचकर दिग्विजय सिंह ने तो ट्वीट के जरिए कमलनाथ को जवाब देने के लिए सामने आना पड़ा.. पहले दिन कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर और सोशल मीडिया के जरिए जो बढ़त बनाने की कोशिश की थी ..वह कांग्रेस और उसके नेता ग्वालियर से खड़े किए गए सवालों का स्पष्टीकरण देने को मजबूर हुए.. दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर से ज्योतिरादित्य की पुरानी वीडियो क्लिपिंग सामने रखकर उनकी सोच नीति नियत और उसूलों पर सवाल खड़ा किया.. तो इधर कमलनाथ के ट्वीट पर गौर किया जाए तो उन्होंने शिवराज द्वारा एक ही व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का जवाब यह कह कर दिया कि हमारी पार्टी में विधायक दल के नेता का चयन विधायकों की राय व पसंद के आधार पर सर्वसम्मति से किया गया था.. यही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि जो भाजपा नेता गण कह रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ज्योतिरादित्य के कारण बनी।
वह उनके खुद के चुनाव का परिणाम भी एक बार फिर से देख ले.. .कमलनाथ ने कहा हमारी सरकार तो उनके कारण नहीं बनी लेकिन भाजपा की प्रदेश में सरकार तो उन्हीं के कारण बनी है ..कमलनाथ का इशारा लोकसभा चुनाव हार चुके ज्योतिरादित्य की ओर था तो उनकी नजर में विधानसभा चुनाव में शिवराज को जनता नकार चुकी है ..कांग्रेस के दूसरे नेताओं प्रवक्ताओं की टीम ने ग्वालियर से शिवराज, नरेंद्र सिंह, ज्योतिरादित्य, विष्णु दत्त ,प्रभात झा द्वारा खड़े किए गए सवालों का जवाब जिस तरह से दिया.. वह कांग्रेस के लिए जरूरी से ज्यादा मजबूरी माना जा सकता है.. भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल की माने तो कांग्रेस तिलमिला गई है.. जिसके पास सरकार में रहते ना तो विकास का हिसाब किताब है और ना ही सिंधिया और ग्वालियर चंबल क्षेत्र के मतदाताओं के साथ वादाखिलाफी का कोई जवाब.. सवाल खड़ा होना लाजमी है क्या भाजपा की रणनीति संगठन स्तर पर देर से ही सही कुछ हद तक कारगर साबित हो रही है। जो कांग्रेस अभी तक महाराज को गद्दार और कमलनाथ के 15 महीने की उपलब्धियों के दम पर उपचुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रही थी। आखिर उसे स्पष्टीकरण क्यों देना पड़ा। क्या वह बैकफुट पर आने को मजबूर हुई है।
भाजपा नेतृत्व फिलहाल कार्यकर्ताओं के मंच से कमलनाथ सरकार की नाकामियों वादाखिलाफी की याद दिला कर शिवराज के 5 माह की लाइन को आगे बढ़ा रही है.. तो सवाल क्या भाजपा मतदाताओं और क्षेत्र की जनता को विकास के साथ उसके स्वाभिमान मान सम्मान से जोड़ने की कवायद में जुटी है ..क्या कांग्रेस को यह रास आएगा ..भाजपा ने कभी राहुल गांधी द्वारा और रफेल मुद्दे पर उठाए गए.. मैं भी चौकीदार को लेकर जो मीडिया कैंपेन चलाया था ..क्या भाजपा इस उपचुनाव में ग्वालियर चंपल मतदाताओं को क्षेत्र के विकास और मान सम्मान की लड़ाई में तब्दील करने में सफल होगी.. अभी तक कमलनाथ कांग्रेस महाराज को गद्दार तो शिवराज को झूठा साबित करने में जुटी थी ..लेकिन अब शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का ब्यौरा जब उसके नेता कार्यकर्ताओं के मार्फत जनता तक पहुंचा रहे और केंद्र सरकार की मध्य प्रदेश के विकास में दिलचस्पी को सामने ला रहे।
तब देखना दिलचस्प होगा विकास की राजनीति आखिर उपचुनाव में क्या गुल खिलाएगी.. ग्वालियर के मंच से ज्योतिरादित्य ने शिवराज के 5 माह और कमलनाथ के 15 मई की तुलना में ग्वालियर चंबल के विकास की जिस लाइन को खड़ा किया ..इसी मंच से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लेकर विष्णु दत्त शर्मा और शिवराज सिंह चौहान ने आगे बढ़ाया ..एक बार फिर महाराज का अंदाज कुछ ज्यादा आक्रमक और तेवर तीखे नजर आए ..उनकी भाव भंगिमा ए भी बता रही थी.. कि आर पार की लड़ाई में उन्होंने सब कुछ दांव पर लगा दिया है ..तो यह भी स्पष्ट कर दिया किस सिंधिया खानदान सम्मान की लड़ाई से ना कभी कोई समझौता किया और ना ही नहीं करेगा.. कार्यकर्ताओं से उनकी कनेक्टिविटी गौर करने लायक थी। शायद कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन हो नेताओं के बयान ने उन्हें और ज्यादा खुद को मुखर साबित करने को मजबूर किया.. जिन्होंने तालियों बजवा कर और हाथ उठाकर अपने समर्थकों को शिवराज और विष्णु दत्त की भाजपा के हवाले कर दिया .. सदस्यता अभियान में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी उनके जोश और जुनून में नजर आ रही थी।
ज्योतिरादित्य ने कहा कि कि मै जनता का सेवक हूं.. जिसने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा डिप्टी सीएम बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.. उन्होंने 10 दिन में किसान कर्ज माफी नहीं कर पाने के लिए कमलनाथ की वादाखिलाफी को सामने रखा ..तो कन्याओं के विवाह के लिए 51 हजार की झूठी घोषणा की भी याद दिलाई ..ज्योतिरादित्य ने वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार के लिए कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला चंबल के पानी की याद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को दिलाई ..केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने केंद्र में मोदी सरकार के साथ अब मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के आने के बाद क्षेत्र के विकास की गारंटी ली ..उन्होंने कमलनाथ सरकार द्वारा ग्वालियर चंबल क्षेत्र की की गई अनदेखी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
एक बार फिर नरेंद्र सिंह ने कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में ज्योतिरादित्य की भूमिका को ग्वालियर चंबल क्षेत्र के विकास से जोड़ा.. उन्होंने बताया कि महाराज ने इस क्षेत्र के लिए जो फैसला किया अब हम सब मिलकर उनके संकल्प को पूरा करने के लिए इस जिम्मेदारी को निभाएंगे.. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने ग्वालियर चंबल क्षेत्र के मतदाताओं के स्वाभिमान को ललकारने वाली कांग्रेस को जमकर खरी-खोटी सुनाई.. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर विष्णु दत्त शर्मा ने उप चुनाव को भाजपा की प्रतिष्ठा से जोड़कर एक तरह से कार्यकर्ताओं को उनकी जवाबदेही का एहसास कराया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ से लेकर राहुल गांधी पर तगड़ा हमला बोला.. कमलनाथ सरकार को झूठ और छल कपट की सरकार बताया.. जिसने न सिर्फ ज्योतिरादित्य के साथ विश्वासघात किया.. बल्कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र के विकास को रोक दिया.. उन्होंने कहां यह मौका है जब उपचुनाव में ब्याज सहित हिसाब किताब बराबर किया जाएगा.. शिवराज ने 5 माह में अपनी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों और सरकार की योजनाओं को गिनाया.. तो बताया कि न सिर्फ ग्वालियर चंबल क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जाएगा ..बल्कि मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर भी बनाएंगे।