मध्य प्रदेश

शराब नीति से शराबबंदी को झटका

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शराब नीति से शराबबंदी को झटका
भोपाल। अमानक शराब निर्माण एवं गैर कानूनी विक्रय रोकने का तर्क देते हुए सरकार नई आबकारी नीति लेकर आई है लेकिन इस नीति में करोड़पतियों को होम बार की अनुमति मिलने और एक ही दुकान पर देसी और विदेशी शराब विक्रय होने तथा सभी एयरपोर्ट प्रदेश के महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर के चयनित सुपर बाजार में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लाइसेंस दिए जाने से प्रदेश में शराबबंदी की मुहिम को झटका लगा है जिसकी सुगबुगाहट प्रायः होती रहती है। दरअसल, “नशा करें जीवन का नाश” इसके बावजूद नशा करने की आदत समाज में बढ़ती जा रही है। खासकर युवाओं में यह आदत दीमक की तरह घुन लगा देती है। नशा करने के कारण ही दुर्घटनाएं बढ़ रही है। परिवार में लड़ाई झगड़े बढ़ रहे हैं। बीमारियां बढ़ रही है। यहां तक कि अवसाद में भी जा रहे हैं। इसके बावजूद भी नशा है कि छूटता नहीं और इससे इतना राजस्व मिलता है कि कोई भी सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए सहज तैयार नहीं होती और यह भी देखने में आया है कि जिन राज्यों में शराबबंदी लागू हो गई वहां पर चोरी-छिपे शराब बिकने लगी और अन्य प्रकार के नशे का व्यापार भी फलने फूलने लगा। बहरहाल, प्रदेश में नई आबकारी नीति को मंजूरी कैबिनेट की मिल चुकी है जिसमें अनेकों ऐसे प्रावधान है। जिससे शराब की सहज उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। मसलन जो व्यक्ति हर साल एक करोड़ से अधिक का आयकर रिटर्न भरता है वह घर में होम बार खोल सकता है। हिसाब से प्रदेश में लगभग 5000 ऐसे करोड़पति है जो यदि चाहें तो लाइसेंस ले सकते हैं। प्रदेश में कोई नई शराब दुकान नहीं खोली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह घोषणा रही है लेकिन प्रदेश में देसी शराब की 3561 दुकाने हैं। वहां पर अब विदेशी शराब भी बिक सकेगी और विदेशी शराब की दुकान पर देसी बिक सकेगी। इस लिहाज से शराब की उपलब्धता बढ़ जाएगी। वहीं प्रदेश के महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालक करने के लाइसेंस दिए जाएंगे। इस तरह सुपर मार्केट के जरिए भी शराब बेची जा सकेगी जो लोग शराब की दुकान पर शराब खरीदने में संकोच करते हैं वह अब सुपर मार्केट के जरिए शराब खरीद सकते हैं। इसी तरह नई आबकारी नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि सभी एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा बेचने के काउंटर खोले जा सकेंगे। कुल मिलाकर प्रदेश में गैर कानूनी एवं अमानक शराब निर्माण परिवहन भंडारण और विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण करने के उद्देश्य सरकार नई शराब नीति लाई है। नई आबकारी नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी। वहीं विदेशी शराब सस्ती भी हो जाएगी लेकिन शराब की जिस तरह से उपलब्धता बढ़ गई है। उससे अब शराबबंदी की मुहिम को करारा झटका लगा है। जिसकी चर्चा राजनीतिज्ञ चुनाव के पहले करते रहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी को लेकर आंदोलन की घोषणा तो करती हैं लेकिन तारीख नजदीक आते ही तारीख बढ़ा दी जाती है और अब जब भाजपा सरकार की नई आबकारी नीति आई है। ऐसे में शराबबंदी आंदोलन करना उनके लिए भी मुश्किल होगा। अब वे राजनीतिज्ञ और समाजसेवी जो शराब के सेवन से व्यक्ति परिवार समाज और प्रदेश में नुकसान हो रहा है। उसको रोकने के लिए नशा मुक्ति केंद्र और नशा मुक्ति शिविर आयोजित कर सकते हैं। जिससे कि शराब और अन्य तरह के नशो से जो बर्बादी हो रही है उसको रोका जा सके।
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