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समीर वानखेड़ेः यह दोहरी ज़िंदगी नहीं तो क्या?

nawab malik sameer wankhede

इससे समीर और उनका परिवार कई तरह को सवालों में घिर गए हैं। समीर और उनके पिता नवाब मलिक के आरोपों पर सफाई पर सफाई पेश कर रहे हैं लोकिन नवाब के एक के बाद एक खुलासों से ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या समीर और उनका परिवार दोहरी ज़िंदगी जी रहा है? (nawab malik sameer wankhede)

क्रूज़ ड्रग्स मामले में फिल्म स्टार शाहरूख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को गिरफ्तार करने वाले एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े अब ख़ुद कई तरह के आरोपों से घिर गए हैं। उन पर धार्मिक पहचान छुपाकर शादी करने और संघ लोकसेवा आयोग में अनुसूचित जाति के आरक्षण का फ़ायदा उठाकर नौकरी पाने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप महाराष्ट्र के दिग्गज एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने लगाए हैं। इन आरोपों पर समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरु हो चुकी है। 

आर्यन ख़ान की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद से ही नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर एक के बाद एक आरोपों की झड़ी लगा दी। पहले क्रूज़ पर रेड को फर्जी बताने के बाद अब मलिक ने समीर और उनके परिवार की निजी ज़िंदगी की पर्ते उधेड़नी शुरू कर दी हैं। इससे समीर और उनका परिवार कई तरह को सवालों में घिर गए हैं। समीर और उनके पिता नवाब मलिक के आरोपों पर सफाई पर सफाई पेश कर रहे हैं लोकिन नवाब के एक के बाद एक खुलासों से ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या समीर और उनका परिवार दोहरी ज़िंदगी जी रहा है? 

संदिग्ध है जन्म से हिंदू होने का दावा

नवाब मलिक के आरोपों के बाद समीर की पत्नी क्रांति रेडकर और उनके पिता द्यानदेव वानखेड़े ने समीर के जन्म से हिंदू होने का दावा किया था। लेकिन नवाब मलिक ने डॉ. शबाना क़ुरैशी से समीर की पहली शादी का निकाहनामा जारी करके इस दावे को संदिग्ध बना दिया है। इस पर समीर के पिता ने कई टीवी चैनलों पर सफाई दी है कि समीर की मां मुस्लिम थी। उसके रिश्तेदार समीर को दाऊद बुलाते थे। इस लिए निकाहनामे में उसने समीर का पूरा नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखवा दिया होगा। इसकी जानकरी उन्हें नहीं थी क्योंकि निकाहनामा उर्दू में है। समीर के पिता का ये दावा सरसरी तौर पर ग़लत लगता है। निकाहनामे में सभी नाम अंग्रेज़ी में लिखे हुए हैं। इस निकाहनामे और उस परह दस्तख़त को समीर के पिता ख़ुद ही सच मान रहे हैं। लेकिन समीर के मुसलमान होने की बात से इंकार कर रहे हैं।

क़ाज़ी का दावा

7 दिसंबर 2006 को समीर का निकाह पढ़ने वाले काज़ी मुज़म्मिल अहमद ने भी सामने आकर कह दिया है कि शादी के वक्त पूरा परिवार मुस्लिम था। उन्होंने साफ़ कहा है कि शरीयत के मुताबिक निकाह तभी हो सकता है जब लड़का और लड़की दोनों मुस्लिम हों। अगर उन्हें समीर के हिंदू होने की जानकारी होती तो वो निकाह पढ़ाते ही नहीं। काज़ी ने शादी को याद करते हुए बताया है कि शादी काफ़ी धूमधाम से हुई थी। इसमें क़रीब हज़ार-पंद्रह सौ लोगों ने शिरकत की थी। शादी के वक्त पूरा माहौल मुस्लिम ही था। शादी की तस्वीरों में भी समीर ठीक उसी तरह दिख रहे हैं जैसे कोई मुस्लिम दुल्हा दिखता है। आमतौर पर हिंदू समाज में शादी के वक्त माथे पर तिलक लगाने का रिवाज है।

पिता ‘द्यानदेव’ या ‘दाऊद’?  

समीर के पिता ने दावा किया है कि वो हिंदू हैं, उनकी पत्नी ज़रूर मुसलमान थी लेकिन उनके पूर्वज भी हिंदू ही थे। तो भला समीर मुसलमान कैसे हो सकता है। नवाब मलिक ने समीर का जो जन्म प्रमाण-पत्र जारी किया है उस पर उनके पिता का नाम दाऊद के वानखेड़े लिखा हुआ है। धर्म मुस्लिम लिखा हुआ है। समीर के पिता के दो फेसबुक प्रोफाइल हैं। एक ‘द्यानदेव वानखेड़े’ नाम से और दूसरा ‘वनखेड़े दाउद’ के नाम से। वानखेड़े दाउद के नाम वाले प्रोफाइल से उन्होंने 26 नवंबर 2015 को एक नूतन पवार नाम की एक महिला पुलिसकर्मी की तस्वीर पोस्ट करते हुए खुद को समीर का पिता बताया है। उन्होंने लिखा है, ‘सम्मानीय पवार मैम, मैं वानखेड़े रॉयल क्लासिक ब्लॉग हूं। आप मुझे, मेरे बेटे समीर और श्रीमती वानखेड़े को जानती हैं।’ (‘Respected ,pawar mam ।I’m Wankhede royal classic blog। You know me,son Sameer, and Mrs। Wankhede। Unfortunately she went DEWACHYA GHARI Amhas sodun geli। TUMCHI ATHWAN NEHMI KADHAYACHI।’)

वानखेड़े हिंदू तो मुस्लिम नाम क्यों?

वानखेड़े परिवार अगर हिंदू है को उनके परिवार में सभी के नाम मुस्लिम जैसे क्यों है? ये एक अहम सवाल है। समीर की बड़ी बहन ‘यासम्मीन वानखेड़े’ हैं। इसी नाम से उनका ट्वीटर और फेसबुक प्रोफाइल है। उनके पति अब्दुल अज़ीज़ खान हैं। यानी दोनों पति-पत्नी मुस्लिम हैं। यास्मीन पेशे से वकील हैं। साथ ही वो राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी से जुड़ी भी हुई हैं। इसके कई पोस्टर उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर साझा किए हैं। लेकिन उनमें उन्होंने अपना नाम ‘जास्मीन’ लिखा है। अपने फेसबुक प्रोफाइल पर यास्मीन मीनाज काज़ा को अपनी बहन बता रहीं हैं। मीनाज़ काज़ी का प्रोफाइल बहुत दिनों से एक्टिव नहीं है।

समीर और उनके बच्चों के उर्दू-अरबी नाम क्यों?

समीर हिंदी, उर्दू का कॉमन शब्द है। इसका अर्थ होता है हवा, सुबह की ख़ुशबू। समीर नाम हिंदू भी रखते हैं और मुसलमान भी। शायद कॉमन नाम होने की वजह से ही डॉ शबना क़ुरैशी से निकाह के वक़्त वो ‘समीर दाऊद वानखेड़े’ हो गए और क्रांति रेडकर से दूसरी शादी उन्होंने ‘समीर द्यानदेव वानखेड़े’ बनकर हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार कर ली।  समीर की पहली पत्नी से उनके बेटे का नाम उनके पिता ने ‘आतिर’ बताया है। जबकि दूसरी पत्नी से उनकी जुड़वा बेटियों के नाम ज़ाइदा और ज़िया हैं। समीर के तीनों बच्चों के नाम उर्दू या अरबी हैं। नाम से पहली ही नज़र में इनके मुस्लिम होने का शक पैदा होता है।

दोहरी ज़िंदगी का शक

समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर दोहरी ज़िंदगी जीने का शक पैदा होता है। इस शक का पुख्ता आधार है। हो सकता है उनके पिता ने ज़ाहिदा बेगम/बानो से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया हो। अपना नाम ‘द्यानदेव’ से बदलकर ‘दाऊद’ रखा होगा। दाउद नाम से उन्होंने ज़ाहिदा से निकाह किया होगा। लेकिन सरकारी नौकरी में दलित आरक्षण का फायदा लेते रहने के लिए प्रमाण-पत्रों में अपना पुराना द्यानदेव ही चलने दिया होगा। सभी प्रमण-पत्रों में नाम बदलने के लिए जटिल प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। ऐसा ही कुछ समीर के साथ हुआ होगा। समीर के सभी प्रमाण-पत्रों में उनका नाम ‘समीर द्यानदेव वानखेड़े’ है। लेकिन डॉ

कभी ‘दाऊद’ कभी ‘द्यानदेव’

समीर और उनके पिता का कभी द्यनदेव और कभी दाऊद हो जाना अजीब है। ये उनके दोहरी ज़िंदगी जीने की तरफ़ साफ़ इशारा करता है। समीर के पिता के दो फेसबुक प्रोफाइल से ये शक और गहरा हो जाता है। डॉ. शबाना क़ुरैशी से शादी के निकाहनामे में समीर ने अपना नाम ‘समीर दाऊद वानखेड़े’ लिखा है। शादी 7 दिसंबर 2006 को हुई है। समीर ने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा 2007 में पास की है। यानि पहली शादी के वक़्त वो फॉर्म भर चुके होंगे। शादी के लिए उनका ‘समीर दाऊद वानखेड़े’ और नौकरी के लिए ‘समीर द्यानदेव वानखेड़े’ हो जाना उनके दोहरी ज़िंदगी जीने के शक को मज़बूत करता है। इस मामले में वो जांच के घेरे में आ सकते हैं। अगर मुसलमान होते हुए उन्होंने पहचान छिपा कर दलित आरक्षण का फायदा उठाकर नौकरी हासिल की है तो उनकी नौकरी तक जा सकती है।

1 comment

  1. महारष्ट्र में नाम इस तरह से दर्ज किये जाते हैं
    नाम
    पिता का नाम
    उपनाम -surname.
    इस हिसाब से पिता का नाम हुआ दाऊद

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