
भोपाल। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर मध्यप्रदेश में भी भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है एक दूसरे को गलत साबित करने के फेर में पूरी सुरक्षा व्यवस्था को ही संदेह के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। भाजपा जहां महामृत्युंजय जाप से लेकर मौन धरने तक कर रही है वही विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा का चुनावी एजेंडा सिद्ध करने में जुटी है। pm modi security breach
दरअसल, राजनीतिक दल किसी भी विषय को राजनीतिक मुद्दा बनाने में इस कदर मसगूल हो जाते हैं कि वे भूल ही जाते हैं। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं राजनीति नहीं करना चाहिए। मसलन भाजपा का अध्यक्ष या फिर कांग्रेस का अध्यक्ष आरोप-प्रत्यारोप के लिए मुद्दा हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री मुद्दा नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री किसी एक दल का नहीं बल्कि पूरे देश का होता है लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे पर भूल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए पूरा देश चिंतित रहता है और यह किसी एक दल का विषय नहीं है लेकिन भाजपा जिस तरह से पूरे देश में प्रदेश में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है और कांग्रेस भाजपा को इस मुद्दे पर चुनावी एजेंडा सेट करने का आरोप लगा रही है उससे दोनों ही दलों को बचना चाहिए।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर जो परिस्थितियां बनी उसके लिए भाजपा इसे कांग्रेस सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ और षड्यंत्र रचे जाने का आरोप लगाते हुए क्वार को गांधी प्रतिमा के सामने मौन धरना दिया। धरने में पार्टी नेताओं के साथ सामाजिक संगठनों और प्रबुद्ध जनों ने भी भागीदारी कर पंजाब सरकार द्वारा किए गए शर्मनाक कृत्य की। निंदा की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष झाबुआ में आयोजित धरने में शामिल हुए भोपाल में प्रदेश सरकार के मंत्री और प्रदेश राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा झाबुआ के राजवाड़ा चौक पर आयोजित धरने में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत राष्ट्रपति प्रधानमंत्री जिस प्रदेश में दौरे पर जाते हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।
दुर्भाग्य है कि कांग्रेसी नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा इस प्रकार प्रधानमंत्री जान से खिलवाड़ कर उनकी सुरक्षा ही बर्ती वह निंदनीय है। वहीं राजधानी भोपाल की पुरानी विधानसभा कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर गांधी प्रतिमा के समक्ष मौन धरना दिया गया। धरने के पश्चात मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, जगदीश देवड़ा, कमल पटेल, प्रभु राम चौधरी, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा, रजनीश अग्रवाल, राहुल कोठारी, राघवेंद्र शर्मा, कृष्णा गौर सहित भाजपा नेता शामिल हुए पूरे प्रदेश में भी पार्टी ने मौन धरना देकर विरोध दर्ज किया।
कुल मिलाकर पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा मे चूक अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच ना केवल आरोप-प्रत्यारोप बढ़ गया है वरन यह है तीखा भी होता जा रहा है।