मध्य प्रदेश

तू पसंद है ‘जनता’ की लेकिन ‘टिकिट’ मिलती है किसी और को

ByNaya India,
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तू पसंद है ‘जनता’ की लेकिन ‘टिकिट’ मिलती है किसी और को
भोपाल। सन 1956 में राजकपूर और नरगिस की सुपर हिट फिल्म “चोरी  चोरी”  के रीमेक के रूप में  1991 में आमिर खान और पूजा भट्ट अभिनीत फिल्म आई थी “दिल है की मानता  नहीं”  फिल्म का एक सुपर हिट गाना  था  “तू प्यार है किसी और का तुझे चाहता  कोई और है” तू पसंद  है किसी और की तुझे  मांगता कोई और है" ये गाना अपने कांग्रेस नेता “अरुण यादव”  पर पूरी तरह से फिट बैठता है, कुछ शब्दों का भर हेर फेर करना पड़ेगा मसलन  “तू प्यार  है जनता का लेकिन तुझे टिकिट मिले नहीं चाहता कोई और है, तू  पसंद  है मतदाताओं की, लेकिन टिकिट चाहता कोई और है” लम्बे अरसे  से खंडवा लोकसभा संसदीय इलाके से चुनाव लड़ने के इच्छुक अरुण यादव तैयारी कर रहे थे लेकिन कमलनाथ हर बार ये ही कह देते थे कि सर्वे में जिसका  नाम आएगा टिकिट उसी को मिलेगी, इधर कांग्रेस के एक और नेता मुकेश नायक ने तो अरुण यादव की तुलना भगवान् राम से ही कर डाली, उन्होंने कह दिया कि अरुण यादव ने खंडवा लोकसभा इलाके में इतनी पद यात्राएं कीं  कि  उनके पैरों में  भगवान  राम जैसे छाले  पड़  गए, अब मुकेश नायक को कौन बताये कि भैया भगवान राम को चौदह  बरस का  बनवास  मिला था, ऐसा न हो कि  अरुण यादव को भी चौदह बरस का  राजनैतिक बनवास मिल जाए।  (Politics parties BJP congress)

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इधर अपनी उपेक्षा  से  दुखी  अरुण यादव जी ने  ट्वीट कर दिया कि   “फसल मैं  उगाता  हूं लेकिन काट कर कोई ले जाता है” तो हुजूर ये तो दुनिया  की रीत है, किसान फसल उगता है रात -  दिन, आंधी - तूफ़ान, बारिश में खेतों  की रखवाली करता है लेकिन व्यापारी उसकी फसल ले जाता है, अब  देखों न,  कमलनाथ ने कितनी  मेहनत से  प्रदेश में  सत्ता की फसल उगाई  लेकिन एक ही झटके में अपने मामाजी वो फसल लेकर उड़ गए।  स्मगलर लोग कितने जतन  से सोना - चांदी  की तस्करी करके लाते है लेकिन पुलिस उनकी तस्करी की ये फसल अपने अंडर में कर लेती है।  नशे के सौदागर  कहीं ‘चड्डी’ में तो कंही ‘बनियान’ में कंही “कार की डिक्की” में  कंही स्कूटर के टायर के बीच अफीम,  गांजा, चरस, कोकीन छुपाकर लाते  है लेकिन नारकोटिक्स विभाग उनकी  फसल काट लेती है।  शाहरुख़ खान के बेटे ने भी तो यही किया था लेकिन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उसके नशे की फसल तो काटी उसको  जेल अलग भिजवा दिया।  

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मां बाप  बेटी को पढ़ा लिखकर बड़ा करते हैं और दामाद आकर माँ बाप की उस फसल रुपी बेटी को ले जाता हैं।  जिस बेटे से माँ बाप आशा रखते है कि वो बुढ़ापे  में उनकी सेवा करेगा उसको बहू आते ही ले उड़ती है, इसलिए यादव जी इस बात पर रंज मत करो, कमलनाथ  जी कह रहे थे कि सर्वे  के आधार पर टिकिट दी  जाएगी  उन्होंने  तो कॉमेडियन “कपिल शर्मा” को भी मात कर दिया।  आज तक  किस  पार्टी में उम्मीदवार के लिए सर्वे हुआ है,  जिसको आला कमान ने इशारा कर दिया उसको टिकिट  मिल गई।  आप जिंदगी भर “दरी फट्टा” उठाते रहो, नेताओं की जय जयकार करते  रहो, पार्टी की सेवा में अपना तन, मन, धन सब लगाते रहो  अपने लिए टिकिट की फसल तैयार करते रहो लेकिन जैसे ही फसल पक कर तैयार होगी  पैराशूट से एक नेता आएगा और आपकी टिकट रुपी  फसल का  अपहरण  करके ले जाएगा।  अपने को तो यादव जी से  एक ही  बात कहनी है कि अच्छा हुआ  आपने खुद ही चुनाव  लड़ने  से इनकार कर दिया कम से कम  इज्जत तो बचाली आपने यही क्या कम है।  बेटे चर्चा में हैं  इन दिनों कई बेटे  पूरी मीडिया में  छाये हुए हैं हर तरफ बेटों  की ही चर्चा हो रही है, अखबातों के पन्ने भरे पड़े   हैं   इन बेटों के  बारे में।  टीवी वाले  भी इन बेटों  पर डिबेट करवा रहे हैं बॉलीवुड के  बादशाह शाहरुख़ खान के बेटे “आर्यन खान” तो इस वक्त की सबसे चर्चित  और गरम खबर बने हुए हैं।  क्रूज में ड्रग्स लेते पकडे गए आर्यन खान को बचाने कितने  बड़े  बड़े  वकीलों  की फ़ौज उनके बाप शाहरुख़ खान ने कड़ी  कर दी लेकिन कानून तो  कानून होता है  नहीं माना  और जेल भेज दिया गया।  उधर केंद्रीय  गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे “आशीष मिश्रा”  ने भी कम चर्चा नही पाई, किसानों  को कुचलने का  आरोप उस  पर है उसको बचाने  की भी तमाम  कोशिशें  की गईं बीजेपी के  प्रवक्ता  टीवी स्टुडिओं में बैठ कर उसे बेगुनाह साबित करने  के लिए रात दिन एक करे पड़े थे, खुद मंत्री जी ने कहा कि उनका बेटा तो निर्दोष है लेकिन पुलिस ने ऐसे ऐसे सवाल पूछे कि आशीष बाबू टूट गए और गिरफ्तार होना पड़ा।  एक और बेटा  आजकल चर्चा मैं है  वो है  संजय  गाँधी के बेटे  “वरुण  गांधी” कहने को तो  बीजपी के सांसद है लेकिन आजकल पार्टी से नाराजी कुछ ज्याद हो गयी है रोज चिठ्ठी लिख रहे थे किसानों के पक्ष में, हुआ क्या बीजेपी कि राष्ट्रीय  कार्य समिति से उनकी छुट्टी हो गयी लगता है ऐसे ही तेवर रहे तो पार्टी से भी न छुट्टी हो जाए।  हाल ही में  पंजाब के मुख्यमंत्री बने चन्नी जी के  बेटे ने आते ही मंच  लूट लिया।   चन्नी  जी  डीजीपी और अन्य बड़े  पुलिस अफसरों की मीटिंग ले रहे थे, भाईसाहब भी उस मीटिंग में शामिल हो गए, जबकि ऐसी बैठकों में परिवार के किसी सदस्य के  शामिल होने की मनाही है  लेकिन चन्नी  जी के  बेटे  "रिदमजीत सिंह"  बैठक में शामिल हो गए बस क्या  था विरोधियों को मौका मिल गया और होने लगी आरोपों की बौछार बड़ी मुश्किल में मामला संभला।   आजकल   हर बाप, अपने बेटे को लेकर सशंकित सा रहने  लगा है कि पता नहीं कब खुद खा जाए अलसेट और बाप की भी लाई  लुटवा दे।        सुपर हिट ऑफ़ द वीक  “मैंने सुना है स्वर्ग में पुरुषों  को अप्सराएं मिलती हैं  तो औरत को क्या मिलता  है”  जी ने श्रीमान जी से पूछा  “कुछ नहीं  ऊपरवाला केवल सिर्फ दुखियारों  की सुनता है” श्रीमान जी ने जवाब दिया। चैतन्य भट्ट
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