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कतर की वर्ल्ड कप मेजबानी होगी यादगार?

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कतर की वर्ल्ड कप मेजबानी होगी यादगार?
ऐसा पहली बार हो रहा है जब फीफा वर्ल्ड कप का मेजबान देश फ़ुटबाल जगत में बहुत ऊंची हैसियत नहीं रखता लेकिन धनाढ्य देशों में दूसरे नंबर पर है। क़तर इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए कमर कसे हुए है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि खिताब चाहे कोई भी जीते लेकिन मेजबान भी अपने आप में एक बड़ा चैम्पियन बन कर उभरेगा,क्योंकि वह डालर और रियाल के दम पर फुटबाल विश्व कप में बहुत कुछ नया करने जा रहा है। तेल समृद्ध और मात्र 30 लाख साठ हजार की आबादी वाला क़तर फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए तैयार है और 20 नवम्बर से खेले जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित खेल आयोजन को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। लेकिन क्या इस बार मेजबान देश खिताब जीतने वाले दावेदारों में शामिल है? इस सवाल का जवाब कुछ दिनों में मिल जाएगा लेकिन खुद क़तर फुटबाल फेडरेशन और मेजबान देश के खिलाडी सिर्फ अच्छा खेलने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और कम से कम पहली बाधा पार करना चाहते हैं। सम्भवतया ऐसा पहली बार हो रहा है जब फीफा वर्ल्ड कप का मेजबान देश फ़ुटबाल जगत में बहुत ऊंची हैसियत नहीं रखता लेकिन धनाढ्य देशों में दूसरे नंबर पर है। क़तर इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए कमर कसे हुए है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि खिताब चाहे कोई भी जीते लेकिन मेजबान भी अपने आप में एक बड़ा चैम्पियन बन कर उभरेगा,क्योंकि वह डालर और रियाल के दम पर फुटबाल विश्व कप में बहुत कुछ नया करने जा रहा है। यह सही है कि मेजबान की फुटबाल हैसियत ब्राज़ील, अर्जेंटीना, जर्मनी, फ़्रांस जैसे देशों जैसी नहीं है लेकिन अत्याधुनिक तकनीक से सजा संवरा क़तर वर्ल्ड कप इतिहास पुस्तिकाओं में अलग स्थान बना सकता है। फुटबाल जानकारों की मानें तो मेजबान भले ही खिताब का दावेदार नहीं लेकिन यदि वह कुछ एक देशों को हरा पाया तो यही काफी होगा। जो देश मेजबानी के चलते खिताब जीतने में सफल रहे उनमे उरुग्वे का नाम सबसे पहले आता है। 1930 के पहले वर्ल्ड कप की शुरुआत उरुग्वे की मेजबानी में हुई और वही विजेता भी बना। चार साल बाद इटली ने यही कहानी दोहराई लेकिन तत्पश्चात मेजबान को खिताबी जीत के लिए 1966तक इंतज़ार करना पड़ा। तब इंग्लैण्ड ने जर्मनी को परास्त कर अपनी मेजबानी में फीफा कप जीता। 1974 और 1978 में क्रमश पश्चिम जर्मनी और अर्जेंटीना ने अपने घर पर फीफा कप चूमा। 1998 में यह करिश्मा करने वाला फ़्रांस आखरी देश था जिसने ब्राजील को हरा कर देश वासियों को शानदार तोहफा दिया। संयोग से फ़्रांस रूस में खेले गए पिछले वर्ल्ड कप का विजेता भी है। इसमें दो राय नहीं कि यूरोप और लेटिन अमेरिका और यूरोप की तुलना में एशियाई देशों की फुटबाल बहुत पीछे है। लेकिन 2002 में जब दक्षिण कोरिया और जापान ने संयुक्त मेजबानी की तो उनका प्रदर्शन उच्चस्तरीय रहा। कुछ इसी प्रकार के प्रदर्शन की उम्मीद कतर भी जरूर कर रहा होगा। उसे प्रारम्भिक लीग राउंड के ए  ग्रुप में इक्ववाडोर, सेनेगल और नीदरलैंड से निपटना है जोकि मंजी हुई टीमें हैं। फुटबाल जानकारों की राय में यदि मेजबान कोई एक मैच जीत जाए या ड्रा खेल जाए तो यही काफी रहेगा, क्योंकि वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने वाले हर देश का अपना स्तर है और कोई भी किसी को भी पीट सकता है। भले ही मेजबान को खिताबी दावेदारों में स्थान नहीं दिया जा रहा लेकिन फुटबाल हस्तियां पहले ही घोषित कर चुकी हैं कि क़तर वर्ल्ड कप सालों साल याद किया जाएगा।
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