भोपाल। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमिश्नर कलेक्टर कान्फ्रेंस में अधिकारियों को फटकार रहे थे सराहना भी कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का यह बयान सामने आ गया जिसमें भी कह रही है कि ब्यूरोक्रेसी औकात ही क्या है वह तो हमारे चप्पल उठाती है। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इसे घोर आपत्तिजनक बताया। हालांकि स्वयं उमा भारती ने बवाल बढ़ता देख भाषा में सयतता का ध्यान रखा जाना चाहिए, कहकर मामले को शांत करने का प्रयास किया है। Uma Bharti Madhyapradesh politics
दरअसल, देश और प्रदेश की राजनीति में जिस तरह से अनिश्चितता का माहौल है उसमें नेताओं के बयान बवाल मचा रहे हैं। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एक दिन पहले जहां लठ्ठ से शराब रोकने की बात कह रही थी वहीं सोमवार को उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसने भी कह रही हैं ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है वह तो हमारी चप्पल उठाती है और यह है बयान ऐसे समय सामने आया दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी संभागों के कमिश्नर आईजी जिलों के कलेक्टर पुलिस अधीक्षक को और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर राज्य शासन द्वारा प्रारंभ किए गए विभिन्न अभियानों और विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान वे अच्छे नतीजे लाने वाले अधिकारियों की जहां सराहना कर रहे थे वहीं खराब परफॉर्मेंस वाले अधिकारियों को फटकार भी रहे थे।
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बहरहाल, लगभग 6 महीने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमिश्नर कलेक्टर कान्फ्रेंस के माध्यम से कामकाज की समीक्षा की इस दौरान उन्होंने जनकल्याण की योजनाओं का वैधानिक रूप से मूल्यांकन कर दें और क्रियान्वित करने पर जोर दिया उन्होंने अधिकारियों से सुराज अभियान के अंतर्गत दौरे कर लोगों से सीधा संवाद करने की बात कही प्रशासन में कसावट और अनुशासन का ध्यान रखने पर भी जोर दिया आम लोगों को किसी भी योजना का लाभ मिलने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
खराब परफॉर्मेंस करने वाले कुछ अधिकारियों पर मुख्यमंत्री का गुस्सा भी फूटा और उन्होंने गुंडों एवं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर फटकार भी लगाई। उन्होंने दो टूक कहा कि आप सिस्टम सुधारें ऐसे काम नहीं चलेगा बड़े मामलों की मॉनिटरिंग कलेक्टर खुद करें। राज का मतलब है कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो जहां तक करप्शन की बात है हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। भ्रष्टाचार करने वालों को हम किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
चौहान ने मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर 1 नवंबर को सभी जिलों में एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू करने को लेकर तैयारियां करने को कहा प्रदेश को मॉडल स्टेट बनाने के लिए 11 सूत्रीय एजेंडे पर काम करने के निर्देश दिए।
कुल मिलाकर सोमवार का दिन प्रदेश के अधिकारियों पर केंद्रित रहा मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ चली कान्फ्रेंस मैं जहां फटकार सराहना दोनों थे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की अधिकारियों के संबंध में हुई चर्चा की बातें और उस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं कांग्रेसी मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा के तज ने हलचल मचा दी हालांकि उमा भारती की सफाई भी आ गई लेकिन बवाल तो मच ही गया।
ब्यूरोक्रेसी पर बवाल
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