कोरोना वायरस की इस बार क्षेत्रीय लहर शुरू हुई है, जो कभी भी राष्ट्रीय लहर बन सकती है। एक साल पहले कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ तो लगभग सभी राज्यों में उसकी आबादी के अनुपात में कोरोना फैला। हालांकि तब भी संक्रमितों की संख्या का अनुपात थोड़ा-कम ज्यादा रहा। पर इस बार क्षेत्रीय लहर दिखाई दे रही है। आठ-दस राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता दिख रहा है। बाकी राज्यों में या तो यह नियंत्रण मे है या संक्रमण की तीव्रता कम हो रही है। जैसे केरल में संक्रमण की तीव्रता घट रही है। हालांकि केरल देश के गिने-चुने राज्यों में से है, जहां कोरोना से वैज्ञानिक तरीके से लड़ा गया था। फिर ओणम के दस दिन के त्योहार के बाद राज्य में कोरोना तेजी से फैला था और अब फिर वहां चल रहे चुनाव की वजह से अंदेशा है कि फिर से कोरोना फैल सकता है।
बहरहाल, इस बार फिर कोरोना का इपीसेंटर महाराष्ट्र है। परंतु फर्क यह है कि इस बार नए संक्रमण के नए सेंटर बन रहे हैं। जैसे पहली लहर में नागपुर में कोरोना नहीं फैला था। राजधानी मुंबई और उसमें भी धारावी का इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। उसके बाद मुंबई से सटे इलाकों में वायरस का ज्यादा असर रहा। इस बार नागपुर सर्वाधिक प्रभावित शहर है और एक साल बाद वह इकलौता जिला है, जहां हार्ड लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ी है। इसी तरह राज्य के दूसरे दूर-दराज के इलाकों में कोरोना फैल रहा है।
वायरस की महामारी का दूसरा सेंटर पंजाब बन रहा है। ऐसा लग रहा है कि वहां चल रहे किसान आंदोलन की वजह से वायरस गांव-गांव में फैला है। करीब एक दर्जन जिलों में कई किस्म की पाबंदियां लगानी पड़ी है। पंजाब के साथ ज्यादा चिंता की बात यह है कि वहां मृत्यु दर पूरे देश में सर्वाधिक है। वहां दो हजार संक्रमित मिल रहे हैं तो 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। यह संख्या केरल से दोगुने से ज्यादा है। केरल में दो हजार केसेज मिलते हैं तो मरने वालों की संख्या 12-13 होती है। इसलिए पंजाब में वायरस को फैलने से रोकना केंद्र और राज्य सरकार दोनों की प्राथमिकता होनी चाहिए। मास्क, सैनिटाइजर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र और पंजाब के अलावा गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में फिर से कोरोना फैल रहा है। ये राज्य पहले भी ज्यादा प्रभावित रहे थे। इन राज्यों में वायरस की दूसरी या तीसरी लहर आई हुई है। इन राज्यों लगभग पूरी तरह से ठीक होने के बाद कोरोना की नई लहर आई है। देश के बाकी हिस्सों में कमोबेश स्थिति नियंत्रण में है। वायरस के नए केसेज में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल आदि राज्यों में हालात पूरी तरह से काबू में हैं। वहां गिनती के केसेज आ रहे हैं।
इस बार क्षेत्रीय लहर
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