दिल्ली में विधानसभा चुनाव का एकमात्र एजेंडा पाकिस्तान रह गया है। वैसे कहने को तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोस्टर और होर्डिंग्स में लोकपाल से लेकर खराब पानी और कुछ दूसरी बातों का भी जिक्र किया गया है। पर पार्टी के नेता प्रचार सिर्फ पाकिस्तान, इमरान खान और नागरिकता कानून पर ही कर रहे हैं। चाहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो या एक सीट से चुनाव लड़ रहा पार्टी का कोई उम्मीदवार हो। सब तय मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण और रैलियां होंगी तब भी एजेंडा पाकिस्तान ही होगा। हां, इस बार यह फर्क है कि हमला सिर्फ अरविंद केजरीवाल के ऊपर नहीं हो रहा है। उनके साथ साथ इस बार भाजपा ने कांग्रेस पर भी हमला शुरू किया है। इस तरह भाजपा लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने का प्रयास कर रही है।
बहरहाल, अमित शाह ने दिल्ली में प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने रोड शो भी किया और एक इलाके में पैदल भी चले। उन्होंने अपने भाषण में अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि ये दोनों नेता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोलते है। पार्टी के एक उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने तो दिल्ली विधानसभा के चुनाव को सीधे भारत और पाकिस्तान का मुकाबला बना दिया। उन्होंने कहा कि आठ फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा। बाद में चुनाव आयोग ने उनको नोटिस जारी किया। ध्यान रहे इसी तरह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने कहा था कि अगर राजद, जदयू और कांग्रेस का गठबंधन जीतेगा तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे।