sarvjan pention yojna
maiya samman yatra

राहुल और खड़गे उभरे, विपक्ष एकजुट हुआ

राहुल और खड़गे उभरे, विपक्ष एकजुट हुआ

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनको लगता था क् राजनीति और चुनाव के कारण विपक्ष एकजुट होगा लेकिन ईडी ने विपक्ष को एकजुट कर दिया। उन्होंने विपक्ष को अपमानित करने और भ्रष्ट बताने के लिए यह बात कही थी। लेकिन हकीकत यह है कि ईडी ने नहीं, बल्कि अदानी समूह पर आई हिंडनबर्ग समूह की रिपोर्ट ने विपक्ष को एकजुट बनाया। विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई तो पिछले कई सालों से चल रही है लेकिन ऐसा कब हुआ कि प्रधानमंत्री बोलने के लिए खड़े हुए हों और विपक्ष एक सुर में नारे लगाएं कि ‘मोदी-अदानी भाई-भाई’? संसद के अंदर इस तरह से कभी नहीं हुआ कि सभी विपक्षी पार्टियां अदानी को ठग और लुटेरा ठहराने वाले सबूत पेश करें और अदानी को प्रधानमंत्री का भाई बताएं। सो, विपक्ष की एकजुटता और एकजुटता का मुद्दा दोनों बहुत अहम हैं। विपक्ष जिस तरह से हमलावर हुआ है और सरकार अदानी को लेकर जैसे बचाव में उतरी है वह इस पूरे विवाद और संसद के बजट सत्र की सबसे खास बात है।

दूसरी खास बात यह है कि साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करके लौटे राहुल गांधी को संसदीय राजनीति में अपने को साबित करने का बड़ा मौका मिला। राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से अदानी समूह पर हमले की कमान संभाली। उन्होंने संसद में 50 मिनट के भाषण में अदानी समूह और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नजदीकी के कई तथ्य रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री से सात सवाल पूछे जिनका कोई जवाब नहीं दिया गया। राहुल का यह भाषण सोशल मीडिया में खासा चर्चित हुआ। कांग्रेस ने भी इसका खूब प्रचार किया। कांग्रेस ने राहुल के पुराने भाषण निकाल कर उनकी वीडियो क्लिप चलाई, जिसमें वे संसद के अंदर अदानी समूह के बारे में वो सारे तथ्य रख रहे थे, जो बाद में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आए हैं।

इस आधार पर कांग्रेस ने दावा किया कि नोटबंदी से लेकर कोरोना और राफेल से लेकर अदानी समूह तक राहुल गांधी की हर बात सही साबित हुई है।

उधर राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी एकता बनवाई। अदानी के खिलाफ विपक्ष के अभियान का नेतृत्व किया। उनके बुलाने पर लगातार दो दिन 15 से ज्यादा विपक्षी पार्टियों के नेता उनके चैंबर में जुटे। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में बोलते हुए खड़गे ने काफी लंबा भाषण दिया। लोकसभा में राहुल के भाषण के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह में से कोई मौजूद नहीं था। लेकिन राज्यसभा में खड़गे के भाषण के समय प्रधानमंत्री मौजूद थे। खड़गे ने बहुत विस्तार से एक एक बात कही। उनकी बातों को सत्यापित करने के नाम पर आसन की ओर से और भाजपा सदस्यों की ओर से लगातार टोकाटाकी हुई, जिसकी वजह से उनका भाषण और लंबा हो रहा था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आधे घंटे के लिए सदन में गए थे और एक घंटे से ज्यादा समय तक बैठे रहना पड़ा था क्योंकि खड़गे का भाषण ही समाप्त नहीं हो रहा था।

Published by हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें