गपशप

राज्य सरकारें पहल करने लगी

Share
राज्य सरकारें पहल करने लगी
वैसे भी भारतीय संविधान के मुताबिक स्वास्थ्य राज्य सरकारों का मसला है। सो, कायदे से केंद्र सरकार को निगरानी की भूमिका में रहते हुए राज्यों को कोरोना वायरस से तैयार करने में मदद करनी चाहिए। अगर राष्ट्रीय समस्या की बजाय इसे राज्यवार हैंडल किया जाए तो बेहतर नतीजे आएंगे। राज्यों ने इस बात को समझा हुआ है और वे बड़ी सोच के साथ रास्ता दिखा रहे हैं। असम से लेकर कर्नाटक, ओड़िशा, दिल्ली जैसे कई राज्यों ने बड़ी पहल की है और दूसरे राज्यों को भी ऐसे उपाय करने चाहिए। जैसे 17 राज्यों ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का फैसला किया है। यह अच्छी पहल है। सबसे कमाल का काम असम में देखने को मिल रहा है, जहां स्वास्थ्य मंत्री हिमंसा बिस्वा सरमा ने आगे बढ़ कर मोर्चा संभाला है। उन्होंने गुवाहाटी के एक बड़े स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को अस्पताल में बदलने का फैसला किया है। इसके लिए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का मुआयना कर लिया गया है और उसे सात सौ बेड के अस्पताल में बदला जा रहा है। यह तब हो रहा है, जब असम सबसे कम प्रभावित राज्यों में से है। वहां संक्रमण फैलने से पहले ही राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इतना ही नहीं सरमा ने तय किय है कि मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के आखिरी वर्ष के छात्रों को मेडिकल केयर के काम में लगाया जाएगा और साथ ही तमाम रिटायर डॉक्टरों को सरकार की ओर से बनाए जा रहे अस्थायी अस्पताल में इलाज के लिए बुलाया जाएगा। असम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सरमा ने निजी अस्पतालों के साथ बैठक की है और उनको तैयार रहने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि सारे सरकारी अस्पताल कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए तैयार हो रहे हैं इसलिए बाकी बीमारियों के इलाज की जिम्मेदारी निजी अस्पताल संभालें और उसमें जो भी खर्च आएगा उसकी भरपाई राज्य सरकार करेगी। ओड़िशा सरकार का रिकार्ड वैसे स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में अच्छा नहीं है फिर भी कोविड-19 से मुकाबले के लिए राज्य सरकार ने अच्छी पहल की है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिल कर राज्य सरकार अस्पताल बना रही है। ओड़िशा ने भी अपने रिटायर डॉक्टरों को इलाज के लिए बुलाया है। रिटायर डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों के ड्यूटी पर आने से सरकारी अस्पतालों पर दबाव कम होगा। बंद पड़े होटलों को भी अस्पताल में बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई है। राजस्थान में भीलवाड़ा के कलेक्टर ने पांच निजी अस्पतालों का टेकओवर किया है ताकि कोरोना के संक्रमितों का इलाज हो सके। उधर कर्नाटक में भी देर से ही सही पर राज्य सरकार ने अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था पर काम शुरू किया है। सरकार ने बेंगलुरू के चिन्नास्वामी केएससीए स्टेडियम सहित दो स्टेडियमों में क्वरैंटाइन सेंटर बनाने जा रही है। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। यह काम पहले किया जाना चाहिए था। आखिर कोरोना वायरस से संक्रमित पहले मरीज की मौत कर्नाटक के कलबर्गी में ही हुई थी। राज्य में दूसरी मौत होने के बाद सरकार हरकत में आई है और उसने अस्थायी अस्पताल बनाने और उसमें सारी बुनियादी सुविधाएं जुटाने के काम में लगी है।
Published

और पढ़ें