इससे नौकरियों को खतरा नहीं

न्यूयार्क। वैश्विक आशंकाओं के विपरीत बहुत कम कर्मचारियों का यह मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से नौकरियों को खतरा है। एक नए सर्वेक्षण में बुधवार को यह दावा किया गया है। वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी जेनपैक्ट द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में 5,000 से अधिक लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि महज 10 फीसदी लोग ही यह गंभीरता से मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उनकी नौकरी को खतरा है।
हालांकि करीब हर किसी (90 फीसदी प्रतिभागी) का मानना है कि नई पीढ़ी का सफलता हासिल करने के लिए नए कौशल सीखने होंगे, क्योंकि कार्यस्थल पर एआई अधिक प्रचलित हो रहा है। जेनपैक्ट के मुख्य डिजिटल अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया , "कृत्रिम बुद्धिमत्ता भविष्य के कामकाज में बड़ा बदलाव लाएगी। इससे कुछ भूमिकाएं अप्रचलित हो जाएगी और कुछ बढ़ जाएगी। इसी के साथ नए रोजगार पैदा होंगे, और यहां तक कि नए पेशे भी पैदा होंगे।" उन्होंने कहा, "नई दुनिया में वही कारोबार सफल होंगे, जो सही एआई टूल्स में निवेश करेंगे तथा अपने कर्मचारियों की संख्या में तेजी लाएंगे।"
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