पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बीच जाति को लेकर शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और लालू प्रसाद यादव के बीच विवाद में मेरा कुछ भी बोलना उचित नहीं है। दोनों रुतबे और तजुर्बे में मुझसे काफी बड़े हैं। ऐसे में छोटा होने के नाते उनके विवाद में मेरा बोलना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल का अध्यक्ष होने के नाते और एक बिहारी होने के नाते मैं जात-पात, धर्म, मजहब में विश्वास नहीं रखता। जाति का जिक्र बहुत बुरा लगता है। यह ना सिर्फ एक व्यक्ति विशेष का बल्कि जिस महादलित समुदाय (Mahadalit Community) से वह आते हैं, उस पूरे समुदाय का अपमान है।
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बहुत सोच-समझकर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को अपना वक्तव्य रखना चाहिए। कहीं ना कहीं एक बड़ा वर्ग महादलित समाज इससे आहत जरूर है। पश्चिम बंगाल में बिहारी छात्र की पिटाई मामले में उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक कोई घटना नहीं हो सकती। बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के माध्यम से मैंने हमेशा इस चिंता को जाहिर किया है कि किस तरीके से दूसरे राज्यों में बिहारियों को अपमानित किया जाता है, उन पर लाठियां चलाई जाती हैं, गाली-गलौज किया जाता है। भारत का संविधान ये अधिकार हर भारतीय को देता है कि वो किसी भी राज्य में जाकर शिक्षा और रोजगार हासिल कर सकते हैं। टीएमसी सरकार की बिहारियों को लेकर सोच गलत है।