नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनी है, जिसे लेकर सिर्फ एक चर्चा है और वह ये है कि केसी त्यागी को प्रधान राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। इसके अलावा एक और उस कार्यकारिणी में जिक्र के लायक यह है कि भाजपा छोड़ कर आए पूर्व विधायक राजीव रंजन को राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है। उनके लिए पार्टी ने अलग से प्रेस विज्ञप्ति जारी की। वे पहले जनता दल यू में रहे हैं, नालंदा से आते हैं, जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं और मुख्यमंत्री की जाति से ही हैं यानी कुर्मी हैं। जब से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पार्टी से बाहर हुए हैं तब से एक ऐसे चेहरे की तलाश हो रही थी, जो उनकी जगह ले सके। राजीव रंजन की वापसी से जदयू की तलाश पूरी हो गई है।
जहां तक केसी त्यागी की बात है तो राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से ही उनकी जगह थोड़ी अनिश्चित थी। जदयू जिस तरह की पार्टी है और उसे जिस तरह की राजनीति करनी है उसमें तीन में से दो शीर्ष पद अगड़ी जाति को नहीं दी जा सकती है। दूसरी बात यह है कि केसी त्यागी खुद काफी समय से अपनी जगह को लेकर असहज महसूस कर रहे थे। पिछले दिनों राज्यसभा की दो सीटें जदयू को मिली, जिसमें से एक झारखंड के खीरू महतो को गई और दूसरी कर्नाटक के अनिल हेगड़े को, जबकि त्यागी सबसे प्रबल दावेदार थे।
तीसरी बात यह है कि जब शरद यादव को हटा कर नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे तभी केसी त्यागी ने उनसे कहा था कि उनके बाद वे किसी और अध्यक्ष के लिए काम नहीं करेंगे। मजबूरी में त्यागी ने थोड़े समय आरसीपी सिंह और थोड़े समय ललन सिंह के साथ काम किया लेकिन अब वे खुद ही हटना चाह रहे थे। उन्होंने कहा भी है कि उनको इस बात का सम्मान मिला है कि वे चौधरी चरण सिंह, राजनारायण, चंद्रशेखर, वीपी सिंह, जॉर्ज फर्नांडीज, शरद यादव, नीतीश के प्रवक्ता रहे हैं। उनके कहने का मतलब था कि इसके बाद वे ललन सिंह के प्रवक्ता नहीं रह सकते हैं। पिछले कुछ समय से उन्होंने अपनी सक्रियता भी काफी कम कर दी थी।