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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन हटा

New Delhi, Feb 20 (ANI): BJP leader Manjinder Singh Sirsa takes oath as minister in CM Rekha Gupta-led Delhi Government, at Ramlila Maidan in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर लगा बैन हटा लिया गया है। इसे लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखा और राजधानी में एक जुलाई से लागू हुए एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों के नियमों की कमियां गिनाईं। साथ ही उन्होंने पुरानी गाड़ियों को फ्यूल न देने के निर्देश पर रोक लगाने को कहा।

दरअसल, दिल्ली में ‘एंड ऑफ व्हीकल’ वाहनों के नियमों के तहत की जा रही पुरानी गाड़ियों की जब्ती पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अभी इस नियम को इंप्लीमेंट नहीं कर रहे हैं। गाड़ियों को उम्र के हिसाब से नहीं, बल्कि पॉल्यूशन स्तर के हिसाब से बंद किया जाएगा। इस पर सरकार काम कर रही है।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर डायरेक्शन नंबर 89 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने को कहा है, जिसके तहत दिल्ली में एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को फ्यूल देने से मना किया गया है।

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उन्होंने पत्र में लिखा है कि हम सीएक्यूएम से आग्रह करते हैं कि डायरेक्शन नंबर 89 के क्रियान्वयन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए, जब तक कि ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) प्रणाली पूरे एनसीआर में एकीकृत नहीं हो जाती। हमें विश्वास है कि दिल्ली सरकार के चल रहे बहुआयामी प्रयासों से वायु गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार आएगा।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बातचीत कर कहा कि उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली में एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश पर रोक लगाने को कहा है। 

उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बताया है कि जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं, वे मजबूत सिस्टम नहीं हैं और उनमें अभी भी कई खामियां हैं। तकनीकी गड़बड़ियां, सेंसर का काम न करना और स्पीकर का खराब होना, ये सभी कमियां हैं। 

इसे अभी तक एनसीआर डेटा के साथ एकीकृत नहीं किया गया है। यह हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटों (एचएसआरपी) की पहचान करने में सक्षम नहीं है। हमने यह भी कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद और बाकी एनसीआर में अभी तक ऐसा कानून लागू नहीं किया गया है।

Pic Credit : ANI

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