AAP Manifesto for Middle Class: दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ ही राजनीति का पारा भी आसमान छूने लगा है। दिल्ली के लोगों का दिल जीतने के लिए सभी पार्टियां एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगाने में लगी हुई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मिडिल क्लास परिवारों के लिए अलग से घोषणापत्र जारी किया है। यह पहली बार है जब किसी पार्टी ने खासतौर पर मिडिल क्लास (AAP Manifesto for Middle Class) को केंद्र में रखते हुए मैनिफेस्टो पेश किया है।
मिडिल क्लास के संघर्ष पर केजरीवाल की बात
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्य पार्टियां अपने वोटबैंक को धर्म और जाति के आधार पर बांटती हैं, जबकि मिडिल क्लास वर्ग इन राजनीतिक खेमों के बीच उपेक्षित रह गया है। उन्होंने इसे “वोटबैंक और नोटबैंक” के बीच पिसने वाला वर्ग बताया।
केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास करोड़ों की संख्या में टैक्स भरता है, लेकिन बदले में उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिलता। उनका सपना केवल अच्छी नौकरी, घर और बच्चों की बेहतर शिक्षा तक सीमित होता है, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं मिलती।
टैक्स और मिडिल क्लास पर दबाव
उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास की आधी कमाई टैक्स में चली जाती है। यदि कोई परिवार 10-12 लाख रुपए कमाता है, तो उस पर भारी टैक्स का बोझ डाल दिया जाता है। फैमिली प्लानिंग भी अब एक आर्थिक मुद्दा बन गया है, जिसके कारण कई लोग देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।
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शिक्षा में सुधार पर जोर
केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने शिक्षा के बजट को 5000 करोड़ से बढ़ाकर 16000 करोड़ कर दिया है। सरकारी स्कूलों को सुधारने के कारण 4 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में पढ़ने लगे हैं। प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाने पर भी नियंत्रण लगाया गया है।
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