Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

सिसोदिया को नहीं मिली जमानत

Manish sisodia

Manish sisodia

नई दिल्ली। शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके ऊपर कड़ी टिप्पणी करते हुए जमानत की याचिका खारिज कर दी। हालांकि साथ ही हाई कोर्ट ने सिसोदिया को हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दी है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 14 मई को यह फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मंगलवार को फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की और कहा कि यह केस सत्ता के दुरुपयोग का है। इनका मकसद था, ऐसी पॉलिसी बनाना जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद रहे और जिससे इन्हें कुछ मुनाफा मिलता रहे। याचिकाकर्ता के ऐसी पॉलिसी डिजाइन करने की इच्छा करते ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया था। जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं। कई लोगों ने उनके खिलाफ बयान दिया है। इसलिए इस संभावना को नहीं नकारा जा सकता है कि वे जमानत पर बाहर आकर इन लोगों को बयान बदलने के लिए कह सकते हैं।

वहीं, दूसरी ओर मंगलवार को ही दिल्ली की राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी। सिसोदिया करीब 15 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की पूछताछ के बाद जब वे न्यायिक हिरासत में तभी ईडी ने नौ मार्च 2023 को उन्हें गिरफ्तार किया। सीबीआई की एफआईआर से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दो दिन बाद ही सिसोदिया ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था।

गौरतलब है कि सिसोदिया की जमानत याचिका एक बार निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हो चुकी है। वे दूसरी बार प्रयास कर रहे हैं। इस साल 30 अप्रैल को विशेष अदालत ने उनकी याचिका खारिज की थी, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले की अगली सुनवाई सात मई को हुई। तब हाई कोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों को सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। इस दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और कहा कि इस मामले में वो आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी। 14 मई को सिसोदिया की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Exit mobile version