नयी दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) ने मंगलवार को हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट (General Budget) और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में आवास और 18.36 लाख परिवारों को साफ पानी के लिए हर घर नल लगाने पर जोर दिया गया। निचले सदन में शोर-शराबे के बीच जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य जुगल किशोर शर्मा (Jugal Kishore Sharma) ने कहा कि जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा होने जा रही है, ऐसे में क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विपक्ष के सदस्यों को अपने स्थान पर बैठना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश इस बजट में केंद्र शासित प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखा गया है और 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट और संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किये जाने का प्रस्ताव रखा और सदन ने ध्वनिमत से इसे मंजूरी प्रदान कर दी। ज्ञात को कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के प्रारंभ से ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्य लोकसभा में शोर-शराबा कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर का 2023-24 का सामान्य बजट केंद्र शासित प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद को (जीडीपी) पांच साल में दोगुना करने का आश्वासन देता है। इसमें जमीनी लोकतंत्र को मजबूत करने, स्थायी कृषि को बढ़ावा देने, निवेश और औद्योगिक विकास को सुगम बनाने, रोजगार सृजन, त्वरित विकास और समावेशी विकास तथा महिला सशक्तीकरण व सामाजिक समावेश पर जोर दिया गया है। इसमें देश के शेष हिस्सों को रेल संपर्क से जोड़ने और अगले वित्त वर्ष में जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो रेल लाने की योजना बनाने की बात कही गई है।
इसमें वित्त वर्ष के लिए कुल बजट अनुमान 1,18,500 करोड़ रुपये है, जिसमें से विकासात्मक व्यय 41,491 करोड़ रुपये का है। इसमें कृषि और बागवानी के लिए 2,526.74 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए 2,097.53 करोड़ रुपये, ग्रामीण विभाग को 4,169.26 करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र को 1,964.90 करोड़ रुपये, जल शक्ति विभाग को 7,161 करोड़ रुपये, आवास और शहरी विकास के लिए 2,928.04 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 1,521.87 करोड़ रुपये तथा सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु 4,062.87 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। (भाषा)