लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और रचनात्मक चर्चा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक बुलाने से पहले सदन में हुए जोरदार हंगामे को लेकर ओम बिराला ने 2 बजे तक सदन को स्थिगत कर दिया था और कहा था कि सुनियोजित व्यवधान लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होता है।
यह बैठक शुक्रवार दोपहर 12.30 पर बुलाई गई। इसका उद्देश्य संसद में प्रश्नकाल, चर्चा और संवाद को बिना किसी बाधा के आगे बढ़ाना है। ओम बिरला चाहते हैं कि सदन निर्बाध रूप से चले ताकि जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
ओम बिरला की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सोमवार से संसद को सुचारू चलाने पर सहमति बनी है।
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सदन को 2 बजे तक स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में हो रही बाधाओं, जैसे तख्तियां लहराने और नारेबाजी, पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ हैं और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में बाधक हैं। इस सर्वदलीय बैठक में बिरला ने सभी दलों से सहयोग मांगा ताकि संसद में रचनात्मक माहौल बनाया जा सके और सदन का प्रश्नकाल चले।
ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले कहा, “लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है, लेकिन इसे संसदीय मर्यादाओं के दायरे में व्यक्त करना चाहिए। यदि कोई दल किसी मुद्दे पर चर्चा चाहता है, तो मैं सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत का रास्ता निकालने को तैयार हूं।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे हर मुद्दे पर सार्थक चर्चा के लिए मंच प्रदान करेंगे।
इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि संसद का मॉनसून सत्र, जो 21 जुलाई से शुरू हुआ है, अब और व्यवस्थित ढंग से चलेगा। इस बैठक में सोमवार से संसद को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी है।
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