नई दिल्ली। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (Central Public Works Department) ने अपनी सभी क्षेत्रीय इकाइयों से ‘खतरनाक’ (Dangerous) और ‘असुरक्षित’ (Unsafe) मकानों को खाली कराने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है। आधिकारिक दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है।
सीपीडब्ल्यूडी (CPWD)), आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) के अधीन काम करता है, जो केंद्र सरकार के अधिकतर कार्यालयों और आवासों के रखरखाव का काम भी देखता है।
विभाग की सभी इकाइयों को सोमवार को जारी एक कार्यालय ज्ञापन (ओएम) में, सीपीडब्ल्यूडी के अनुभाग अधिकारी मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि उनसे (इकाइयों से) अनुरोध किया जाता है कि वे पिछले साल 13 दिसंबर को संपदा निदेशक द्वारा भेजे गए ‘ओएम’ में निहित निर्देशों को लागू करें। संपदा निदेशालय (डीओई) भी मंत्रालय के अधीन आता है। डीओई ने सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक को भेजे पत्र में लोकसभा (Lok Sabha Public) की लोक लेखा समिति (Accounts Committee) की ‘सीपीडब्ल्यूडी द्वारा खतरनाक और असुरक्षित मकानों के रखरखाव’ के मुद्दे पर 41वीं रिपोर्ट का हवाला दिया था।
सीपीडब्ल्यूडी ने दस्तावेजों में ऐसे मकानों की संख्या का उल्लेख नहीं किया है, जिनकी पहचान खतरनाक और असुरक्षित मकानों के तौर पर की गई है। सीपीडब्ल्यूडी, केंद्र सरकार की एक प्रमुख निर्माण एजेंसी है। एजेंसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा (Central Vista) जीर्णोद्धार परियोजना का काम भी संभाल रही है। (भाषा)