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हाई कोर्ट में बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी की याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सहयोग करने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले उन्हें बर्खास्त करने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती दी थी।

सतीश चंद्र वर्मा को पिछले साल 30 सितंबर को उनकी निर्धारित सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले यानी 30 अगस्त को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। एक विभागीय जांच के बाद उन्हें ‘मीडिया के साथ सार्वजनिक बातचीत’ सहित विभिन्न आरोपों में दोषी पाया गया था। वर्मा ने यहां याचिका दायर करने की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का रुख किया।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा, हमें रिट याचिका में कोई दम नहीं दिखता। याचिका खारिज की जाती है। शीर्ष अदालत ने 19 सितंबर, 2022 को केंद्र के बर्खास्तगी आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी और कहा था कि यह उच्च न्यायालय पर निर्भर करता है कि वह इस सवाल पर विचार करे कि क्या रोक या बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करना जारी रखना है। इसके बाद उसी साल 26 सितंबर को उच्च न्यायालय ने वर्मा को बर्खास्त करने वाले केंद्र के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

वर्मा ने अप्रैल 2010 और अक्टूबर 2011 के बीच 2004 के चर्चित इशरत जहां (Ishrat Jahan) मामले की जांच की थी। अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 15 जून, 2004 को एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली इशरत और तीन अन्य की हत्या कर दी गई थी। (भाषा)

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