नई दिल्ली। सरकार ने बताया है कि विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत वर्ष 2022 और 2023 के दौरान अब तक 23 व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में घोषित किया गया है और उनके नाम अधिनियम की चौथी अनुसूची में जोड़े गए हैं।
लोकसभा में मंगलवार को भागीरथ चौधरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी थी। उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के अंतर्गत किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया है? गृह राज्य मंत्री द्वारा निचले सदन में प्रस्तुत सूची के अनुसार, वर्ष 2022 और 2023 के दौरान अब तक जिन 23 व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में घोषित किया गया है, उसमें लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का आतंकवादी हाफिज तल्हा सईद, शेख सज्जाद, मोहम्मद अमीन खुबै उर्फ मोहम्मद अमीन बट, अरबाज अहमद मीर के अलावा जैश ए मोहम्मद का अली काशिफजान, आशिक अहमद नेंग्रू, हिज्ब उल मुजाहिदीन का इम्तियाज अहमद कंडू, शौकत अहमद शेख, बासित अहमद रेशी, बशीर अहमद पीर, इरशाद अहमद और डा. आसिफ मकबूल डार शामिल हैं।
इन आतंकवादियों की सूची में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुश्ताक अहमद जरगर, अल बद्र का अर्जुमंद गुलजार डार, द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का हबीबुल्ला मलिक, तहरीक उल मुजाहिदीन का रफीक नाई, हरकत उल जिहाद ए इस्लामी का जफर इकबाल, जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट का बिलाल अहमद बेग, तहरीक उल मुजाहिदीन का शेख जमील उल रहमान, अल कायदा का एजाज अहमद अहंगर के अलावा खालिस्तान टाइगर फोर्स का अर्शदीप सिंह गिल एवं बब्बर खालसा इंटरनेशनल का हरविंदर सिंह संधू शामिल हैं।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि भारत के संविधान की सातवी अनुसूची के अनुसार, पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य का विषय है तथा साइबर अपराध सहित विभिन्न आपराधिक ममलों की रोकथाम करने, उनका पता लगाने, जांच करने तथा अभियोग के लिए प्राथमिक रूप से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र जिम्मेदार हैं। (भाषा)