दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा के बजट सत्र में जैसा भाषण दिया है, वह अभूतपूर्व है। लगातार तीन दिन तक अपने भाषण में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के ऊपर तीखा हमला किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में जितनी नहीं लूटा उससे ज्यादा भाजपा की केंद्र सरकार ने सात साल में लूट लिया। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के कम पढ़े लिखे होने की बात कही और यह भी कहा कि कम पढ़े लिखे होने की वजह से वे सही फैसला नहीं कर पाते हैं और लोग इसका फायदा उठा लेते हैं। उन्होंने सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि इन दो एजेंसियों की वजह से सारे भ्रष्ट लोग भाजपा में चले गए हैं।
सवाल है कि क्या केजरीवाल ये सारी बातें विधानसभा से बाहर कहेंगे? उनको पता है कि विधानसभा के अंदर उनको विशेषाधिकार है। उनकी किसी भी बात पर न थाने में केस दर्ज हो सकता है और न अदालत की कोई कार्रवाई हो सकती है। विधानसभा में उनकी पार्टी का प्रचंड बहुमत है और स्पीकर उनका है तो विशेषाधिकार हनन नोटिस की भी चिंता नहीं है। इसलिए जो मन में आया वह उन्होंने कहा। विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद जब राजनीतिक रैलियां होंगी तब इनमें से कितनी बातें वे कहेंगे? प्रधानमंत्री के कम पढ़े लिखे होने की बात वे रैलियों में भी कह चुके हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों पर वे सावधानी से बोलेंगे। राहुल गांधी के साथ मानहानि मामले में जैसा हुआ है उसे देखते हुए केजरीवाल और अन्य नेता भी सावधान रहेंगे।