Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

मुर्शिदाबाद हिंसा में हाई कोर्ट की कमेटी का खुलासा

हिंसा

कोलकाता। वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए बनाई हाई कोर्ट की कमेटी ने कई गंभीर खुलासे किए हैं। हाई कोर्ट की कमेटी ने कहा है कि हिंसा हिंदुओं के खिलाफ हुई थी। हिंदुओं पर हमले हुए और पुलिस व प्रशासन ने हिंदुओं की ओर से की गई मदद की गुहार नहीं सुनी। इतना ही नहीं हाई कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट में हिंसा में सत्तारूढ़ दल यानी तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की भूमिका होने की बात भी कही गई है।

इसमें कहा गया है कि हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता की भूमिका थी। हमलों का नेतृत्व स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने किया। रिपोर्ट के अनुसार हिंसा में खासतौर पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। इस दौरान स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही। पीड़ितों ने कई बार पुलिस को कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची।

हिंसा में तृणमूल नेता की भूमिका

गौरतलब है कि, 17 अप्रैल को हाई कोर्ट ने तीन सदस्यों की समिति का गठन किया था। इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक एक सदस्य शामिल थे। उससे पहले पश्चिम बंगाल में 11 और 12 अप्रैल को नए वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ उग्र हो गई थी। इसके बाद मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई। इसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चार मई को मुर्शिदाबाद की सांप्रदायिक हिंसा पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कट्टरपंथ और उग्रवाद को पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा खतरा बताया था। राज्यपाल ने कहा था कि बंगाल को दोहरा खतरा है, खासतौर पर बांग्लादेश से सटे मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में ज्यादा है, क्योंकि वहां हिंदू आबादी अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने उत्तरी दिनाजपुर को भी संवेदनशील जिला बताया था।

Also Read: कोरोना के दो मरीजों की मौत
Pic Credit: ANI

Exit mobile version