राज्य-शहर ई पेपर पेरिस ओलिंपिक

द्रौपदी मुर्मु: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश को सशक्त बनाने के लिए सैन्यबलों को आधुनिक बनाना व रक्षा क्षेत्र में सुधार जरूरी हैं। और इसलिए पिछले दस वर्षों से जारी रक्षा सुधार आगे भी जारी रहेंगे।

मुर्मु ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा की सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति जैसे अनेक कदम उठाये हैं। जिससे सेनाओं को नई मजबूती मिली हैं। और उन्होंने कहा की आयुध फैक्ट्रियाें में सुधार से डिफेंस सेक्टर को बहुत लाभ हुआ हैं। साथ ही चालीस से अधिक ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज को 7 निगमों में संगठित करने से इनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि इन सुधारों के कारण ही देश देश रक्षा क्षेत्र में एक लाख करोड़ रूपये से अधिक का रक्षा विनिर्माण कर रहा हैं। और उन्होंने कहा की ऐसे ही सुधार के कारण भारत आज एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कर रहा हैं। साथ ही पिछले एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 18 गुना अधिक होकर 21 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका हैं। और फिलीपीन्स के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा और रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा हैं।

मुर्मु ने कहा कि सरकार ने युवाओं और उनके स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की मजबूत नींव तैयार की हैं। और उन्होंने कहा की मेरी सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर्स भी विकसित कर रही हैं। हम सभी के लिए ये खुशी की बात हैं की पिछले वर्ष हमारी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय उद्योगों से ही की गई हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिकों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी हैं। और वह इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। और उन्होंने कहा की मेरी सरकार ने सैनिकों के हितों को भी हमेशा प्राथमिकता दी हैं। और तभी चार दशक के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया गया। साथ ही इसके तहत अब तक एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

यह भी पढ़ें :-

राष्ट्रपति ने अभिभाषण में किया नीट पेपर लीक का जिक्र

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली एम्स में भर्ती

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें