नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तालमेल की संभावना कम होती जा रही है। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को तीन सीट लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसे उसने ठुकरा दिया है। तालमेल नहीं होता है तो आम आदमी पार्टी राज्य की 90 में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बताया जा रहा है कि तालमेल की एकमात्र उम्मीद अब राहुल गांधी हैं। उनके ऊपर फैसला छोड़ा गया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ेगी।
बहरहाल, तालमेल को लेकर कांग्रेस और आप की ओर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने आलाकमान को कह दिया है कि पार्टी राज्य में आम आदमी पार्टी के बिना भी चुनाव लड़ने में सक्षम है। जानकार सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने 10 सीटें मांगी हैं, लेकिन कांग्रेस तीन सीटें देना चाहती हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने यह शर्त भी रखी कि आम आदमी पार्टी शहरी क्षेत्रों की सीटों पर ही चुनाव लड़े। दूसरी ओर आप का कहना है कि पंजाब और दिल्ली में उसकी सरकार है, इसलिए इन राज्यों की सीमा से सटी सीटें उसे दी जाएं। कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है।
बताया जा रहा है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुछ अन्य नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। दूसरी ओर राहुल गांधी चाहते हैं कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की एकजुटता दिखाने के लिए तालमेल किया जाए। तभी इस मामले में अंतिम फैसला राहुल गांधी पर छोड़ा गया है। गठबंधन को लेकर बोले आप की ओर से बात कर रहे राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा- बातचीत चल रही है। हमें उम्मीद है कि हरियाणा और देश के हित में गठबंधन बनेगा।