New Delhi : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से धार्मिक विवाद चरम पर है. हालांकि इस बार मामला धर्म के अंदर का ही है. मतलब ये कि इस धार्मिक विवाद में दूसरे धर्म का कोई लेना देनी नहीं है. यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की एक याचिका से इस बार ये माखौल खड़ा हो गया है. रिजवी ने पवित्र कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर SC का दरवाजा खटखटाया है. इसके बाद से यूपी में तनाव अपने चरम पर है. इस बाबत वसीम रिजवी का कहना है कि वे बचपन से इस देश में रह रहे हैं- ऐसे में देश के प्रति उनकी भी कुछ जिम्मेवारी बनती है . उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान की कुछ आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है. इसलिए उन्होंने ये याचिका दर्ज की है.
क्यों हटाना चाहतें हैं 26 आयतें
वसीम का कहना है कि पवित्र कुरान की 26 आयतों से आतंकवाद को बढावा मिलता है. उनका कहना है कि इन 26 आयतों से कट्टरता को भी बढावा मिलता है. ऐसे में इन्हें बच्चों को दी जाने वाली तालिम से हटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी दावा है कि ये 26 आयतें कुरान में बाद में जोड़ी गई हैं इसे लेकर रिजवी कहते हैं कि “कुरान की आयतें प्रोफेट मोहम्मद पर आईं. उन्होंने अपने साथ रहने वालों को बताया कि यह अल्लाह का ईश्वर का सन्देश क्या है.लेकिन उनके जीवनकाल में इन सभी आयतों को या कुरान को किताब की शक्ल में नहीं ढाला गया. बल्कि पहले और दूसरे खलीफा के राज्य में यह आयतें किताब की शक्ल में आईं.”
समाज और परिवार भी है खिलाफ
वसीम रिजवी ने कहा है कि उन्होंने कई बार लोगों से इस बारे में बात करनी चाही लेकिन लोग कुछ सुनना ही नहीं चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस बारे में धर्मगुरुओं से बात की तोे उन्होंने इसे पागलपन कह दिया. इसके बाद मजबूर होकर उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. उनकी इस याचिका से पूरे देश में मुस्लिम समाज में उनके खिलाफ आक्रोश है. रिजवी के पोस्टर जलाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं उनके इस फैसले के बाद से घर और परिवार के लोगों ने भी उनका साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इन सबके बाद भी वसीम रिजवी ने कहा है कि वो अपने कदम पीछे नहीं खीचेंगे.