श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेता मेहबूबा मुफ्ती ने मंदिर में जाकर पूजा की, जिसे लेकर विवाद छिड़ा है। एक तरफ भाजपा के नेता इसे नौटंकी बता रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ मौलवियों ने इसे इस्लाम के विरुद्ध बताया है। असल में महबूबा मुफ्ती ने पुंछ जिले के दौरे में नवग्रह मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पूरे मंदिर का चक्कर लगाया और शिवलिंग का जलाभिषेक भी किया। मेहबूबा ने मंदिर परिसर में बनी यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए।
इसके बाद भाजपा ने मुफ्ती की मंदिर यात्रा को नौटंकी बताते हुए उन पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा है कि महबूबा मुफ्ती की मंदिर यात्रा केवल राजनीतिक नौटंकी है। भाजपा ने उनका विरोध करते हुए यह भी कहा है कि उन्होंने अमरनाथ के लिए जमीन देने से इनकार किया था। दूसरी ओर कुछ मौलानाओं ने भी महबूबा के इस कदम को इस्लाम के खिलाफ करार दिया है।
खुद महबूबा ने गुरुवार को प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और किसी के मंदिर जाने पर बवाल नहीं होना चाहिए। यह गंगा-जमुनी तहजीब है। उन्होंने कहा- यशपाल शर्मा ने मंदिर बनवाया था। मैं मंदिर अंदर से जाकर देखना चाहती थी। वहां किसी ने बड़े प्यार से मेरे हाथ में लोटा रख दिया। अब किसी ने इतनी श्रद्धा से लोटा रखा तो मैंने जल चढ़ा दिया। यह मेरा मामला है। इसमें ज्यादा बहस करने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले पुंछ जिले में महबूबा मुफ्ती ने जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा का मकसद देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का नहीं, बल्कि भाजपा राष्ट्र बनाने का है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी भारत को बीजेपी राष्ट्र बनाने के लिए विपक्षी दलों पर हमले कर रही है, जिस पर उनकी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।