रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आखिरकार जमानत मिल गई। झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उनको नियमित जमानत दे दी। शुक्रवार को उनकी रिहाई की सारी प्रक्रिया पूरी हो गई और वे रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए। जेल के बाहर समर्थकों ने उनका स्वागत किया। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी उन्हें लेने के लिए जेल पहुंची थीं। हाई कोर्ट ने उनको जमानत देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
जेल से निकलने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में पांच महीने जेल के अंदर रखा गया। उन्होंने कहा- झारखंड के लोगों के लिए पांच महीने बहुत कठिन थे। सुनियोजित तरीके से लोगों की आवाज दबाई जा रही है। दिल्ली में मुख्यमंत्री जेल में बंद है। मंत्रियों को जेल में डाल दिया जा रहा है। न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबी हो रही है कि न्याय मिलने में कई महीने लग रहे हैं। हेमंत ने कहा- मेरे मामले में कोर्ट का आदेश आज सभी को मिलेगा। उसे देखना चाहिए। कोर्ट के आदेश का आपको आकलन करना चाहिए। देखना चाहिए कि उसमें क्या कहा गया है। आज मेरी जेल यात्रा खत्म हुई।
इससे पहले जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में हेमंत सोरेन को शुक्रवार की सुबह हाई कोर्ट से जमानत मिली। अदालत ने कहा कि धन शोधन केस में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं मिले। हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए अदालत ने कहा है कि वे धनशोधन रोकथाम कानून यानी पीएमएलए के तहत जमानत की दोनों शर्तों को पूरा करते हैं।
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन को इस मामले में 31 जनवरी की रात ईडी ने गिरफ्तार किया था। जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई पूरी हो चुकी थी। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पिछले दिन सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा- यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं हो कि आरोपी ने कथित अपराध किया। जमानत देते हुए कहा कि जमानत पर रहने के दौरान आरोपी उस तरह का कोई अपराध नहीं करेगा।