रांची। भारत के चार राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) के कन्फर्म केस मिलने के बाद झारखंड का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि एचएमपीवी से जुड़ी तमाम सूचनाओं पर राज्य सरकार की निगाह है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संभावित स्थितियों का आकलन करते हुए तैयार रहने को कहा गया है। इस संबंध में हमें केंद्र सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन्स नहीं मिली है। जैसे ही कोई गाइडलाइन आती है, हम उसी के अनुरूप आवश्यक कदम उठाएंगे। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह (Ajay Kumar Singh) ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों और विभाग के अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। विभाग ने इसे लेकर इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मानदंडों के अनुसार एडवाइजरी भी जारी की है। सभी हॉस्पिटल्स में एहतियाती तौर पर बेड बढ़ाने और ऑक्सीजन की सप्लाई के सिस्टम को दुरुस्त रखने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि यह वायरस नया नहीं है। सर्दी के दिनों में इस तरह के केस पहले भी आए हैं, पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
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एडवाइजरी में भीड़ वाले इलाकों में मास्क का प्रयोग करने, सैनिटाइजर से समय-समय पर हाथों की सफाई करें, भीड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है। रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने तैयारियों का आकलन किया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यहां एचएमपीवी की जांच नहीं हो रही है, लेकिन एहतियातन जांच किट का ऑर्डर भी दे दिया गया है। इस संबंध में एनआईवी पुणे को चिट्ठी लिखकर किट उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसे लेकर फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। यह वायरस जानलेवा नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत है। जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एचएमपीवी (HMPV) की जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है। रिम्स की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि एचएमपीवी के लक्षण कोविड से मिलते-जुलते हैं। इससे संक्रमित लोग आम तौर पर पांच से छह दिनों में स्वस्थ हो जाते हैं।