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खजुराहो में कला और संस्कृति की सरिता का प्रवाह

छतरपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विश्व प्रसिद्ध धरोहर स्थल खजुराहो (Khajuraho) में इन दिनों कला और संस्कृति के साथ विरासत का भी अद्भुत संगम (Amazing Confluence) देखने को मिल रहा है। यहां ऐसे लग रहा है मानो कला और संस्कृति की सरिता का प्रवाह हो रहा हो। स्थापत्य कला के प्रतीक मंदिर इस समय नृत्य कलाकारों के घुंघरूओं की खनक से गूंज रहे हैं। 49वें खजुराहो नृत्य महोत्सव (49th Khajuraho Dance Festival) में एक तरफ देश-विदेश के ख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से मोहित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कला वीथिका और साहसिक गतिविधियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

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प्रदेश के ख्यात कलाकार मेला परिसर में कला वीथिका के माध्यम से संस्कृति, इतिहास और पारंपरिक जीवन से आगंतुकों को अवगत करा रहे हैं। कलाकारों के चित्रों की प्रदर्शनी (Exhibition), लाइव चित्रकला प्रदर्शन, पेंसिल पोट्र्रेट, प्रिंट डेमॉस्ट्रेशन, कलर पोट्र्रेट, टेराकोटा शिल्प, गोंड आर्ट जैसी कला के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जो प्रमुख आकर्षण का केंद बने हुए हैं। संगीत और कला की भूमि खजुराहो में पर्यटकों के रोमांचक अनुभव प्रदान करने के लिए अनेक साहसिक गतिविधियां की जा रही हैं। हॉट एयर बैलून (Hot Air Balloon) में बैठ कर ऊंचाई से खजुराहो का दृश्य देखते ही बन रहा है। ‘बर्ड आय व्यू’ से खजुराहो का सौंदर्य और भी ज्यादा निखरा हुआ नजर आ रहा है। ई-बाइक टूर, सेगवे राइड, ग्रामीण भ्रमण, ग्लैंपिंग, वॉक विद पारधी और हेरिटेज वॉक जैसी गतिविधियों में भी पर्यटक बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। (आईएएनएस)

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