राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

दमोह के हिजाब विवाद में घिरे स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज

Damoh Hijab School :- मध्य प्रदेश के दमोह जिले के गंगा-जमुना हाईस्कूल के सफल छात्र-छात्राओं के पोस्टर में हिंदू छात्राओं को हिजाब जैसा स्कार्फ पहने दिखाए जाने पर शुरू हुआ बवाल अब धर्मातरण जैसे मसले तक पर पहुंच गया है। इस मामले पर में स्कूल प्रबंधन से जुड़े 10 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों स्कूल का एक पोस्टर विवादों में आया था, जिसमें हिंदू बालिकाओं के हिजाब से मिलता जुलता स्कार्फ पहने दिखाया गया था। उसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले क्लीन चिट दी, मगर बाद में उसकी मान्यता ही निलंबित कर दी गई। इतना ही नहीं, इस स्कूल की कई शिक्षिकाओं का धर्म परिवर्तन कराए जाने के आरोप लगे। इन शिक्षिकाओं ने समाने आकर विद्यालय में पढ़ाने आने से पहले ही धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी। इतना ही नंहीं कई बच्चों ने यह आरोप भी लगाए कि उन्हें नामज तक पढ़ने के मजबूर किया जाता है, साथ ही इस्लामिक आयतें पढ़ने का दवाब बनाया जाता है। द

मोह के पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने मीडिया को बताया है कि तीन बच्चों के बयान को संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रबंध कमेटी के 10 लोगों के खिलाफ धारा 295, 506 और जेजे एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है। वहीं बाल अधिकार आयेग के प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर बताया है कि,दमोह,मध्यप्रदेश में जिस स्कूल में हिंदू बच्चों को हिजाब पहनाने व इस्लामिक शिक्षा दिए जाने तथा धर्मातरण का प्रयास किए जाने के मामले में जांच चल रही है, यह उसका प्रतीक चिन्ह (लोगो) है, जिसमें भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ करके आधा भारत ही गायब कर दिया गया है। यही नहीं, इसके मालिक के सभी अन्य व्यावसायिक संस्थानों में यही नक़्शा प्रतीक चिन्ह (लोगो) की तरह उपयोग किया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थान द्वारा हमारे संप्रभु राष्ट्र भारत के नक्शे के साथ इस प्रकार की छेड़खानी कतई सहन नहीं की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा, इसको एनसीपीआरसीने बेहद गंभीरता से लिया है व मध्यप्रदेश सरकार को आवश्यक निर्देश प्रेषित किए जा रहे हैं। इस मामले में आज दमोह कलेक्टर को नया नोटिस जारी किया गया है, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा दर्ज एफआईआर में बच्चों के बयान के आधार पर मध्यप्रदेश धर्म स्वातं˜य अधिनियम, राष्ट्र के मानचित्र के साथ छेड़खानी एवं संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन की धाराएं बढ़ाने तथा स्कूल के अस्थाई निलंबन के स्थान पर स्थायी रूप से मान्यता समाप्त करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर पहले हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए, फिर जिला प्रशासन पर विद्यालय के सहयोग करने का आरोप लगा। उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी के चेहरे पर स्याही पोती, उन्हें हटा दिया गया है, वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए।

अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर कहा है, प्रदेश में कुछ जगह धर्मांतरण के कुचक्र चल रहे हैं हम उनको कामयाब नहीं होने देंगे। पूरे प्रदेश में हमने जांच के भी निर्देश दिए विशेषकर जो शिक्षण संस्थान हैं, चाहे मदरसे चलते हों अगर गलत ढंग से शिक्षा भी दी जा रही होगी तो हम उसको भी चेक करेंगे। दमोह के गंगा जमुना स्कूल के मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए है। कोई स्कूल बच्चों के हिजाब पहनने विवश नही कर सकता। उन्होंने आगे कहा, “दमोह का मामला बहुत गंभीर है, दमोह की घटना में तो अब हमारे पास रिपोर्ट आ रही है, मुझे बता दिया गया है। बेटियों ने बयान दिए हैं कि उन्हें बाध्य किया गया है।

जैसा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया, पहले हम एफआईआर कर रहे हैं। कठोरतम कार्रवाई होगी। भोले-भाले मासूम बच्चे जिनमें समझ ही नहीं, पढ़ाई के नाम पर बुलाकर अगर इस ढंग का प्रयत्न किया जाता है तो हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसे जिनके इरादे हैं वो कठोरतम दंड पाएंगे। राज्य के गृहमंत्री डॉ. मिश्रा का कहना है कि इस तरह की मानसिकता रखने वालों को मध्य प्रदेश में पूरी तरह नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा। स्कूल में भारत के नक्शे से छेड़छाड़ का जो मामला सामने आया है उसको लेकर जांच की आदेश दे दिए हैं। (आईएएनएस)

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें