भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इसी साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने वाले हैं और दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस (Congress) मतदाताओं को लुभाने के लिए हर दांव चलने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। कुल मिलाकर मतदाताओं को फंसाने के लिए सौगातों और वादों के जाल फेंके जा रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा (BJP) और विपक्षी दल कांग्रेस इस बात को मान कर चल रहे हैं कि वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव कांटे की टक्कर का रहने वाला है। लिहाजा जिस भी दल ने मतदाताओं के बीच पहुंचकर अपने को बड़ा जनहितैषी सिद्ध करने में सफलता हासिल कर ली, उसके लिए चुनाव की राह आसान हो जाएगी। आखिर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों दल ज्यादा संजीदा क्यों हैं?
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यह सवाल सबके मन में है और इसका कारण भी है, क्योंकि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा (BJP) के बीच मुकाबला लगभग बराबरी का रहा था। कांग्रेस ने 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 114 स्थानों पर जीत हासिल की थी, वहीं भाजपा 109 स्थानों पर ही विजयश्री का वरण कर पाई थी। परिणामस्वरुप कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिला। यह सरकार ठीक ठाक चल भी रही थी, मगर वर्तमान के केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की नाराजगी ने कमलनाथ (Kamal Nath) की नेतृत्व वाली सरकार को गिरा दिया। सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर वर्ग का दिल जीतने की कोशिश में लगी हुई है।
उसने बड़ा दांव आधी आबादी अर्थात महिलाओं का दिल जीतने के लिए लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) के जरिए चला है। यह ऐसी योजना है जिसमें महिलाओं को एक हजार रुपये मासिक मिलेगा। इसके साथ ही युवाओं के लिए युवा नीति की घोषणा के साथ ट्रेनिंग करने वाले छात्रों को आठ हजार रुपये मासिक दिए जाने का ऐलान हुआ है, तो वहीं तमाम भर्ती परीक्षाओं के लिए साल में सिर्फ एक बार ही फीस देनी होगी। जनजाति वर्ग के लिए जहां पेसा कानून अमल में लाया गया है तो वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी सरकार ने योजनाओं के द्वार खोल रखे हैं। एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना लाई है तो उसके जवाब में कमलनाथ ने ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर महिलाओं को डेढ़ हजार रुपये मासिक तो दिए ही जाएंगे साथ में गैस सिलेंडर पांच सौ रुपये में मिलेगा। किसानों के लिए कांग्रेस पहले से ही कर्ज माफी का वादा कर चुकी है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस की सफलता का कारण भी किसानों की कर्ज माफी योजना बनी थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सत्ताधारी दल हो या विपक्षी दल कांग्रेस, दोनों के लिए चुनाव जीतना बड़ी चुनौती है। आगामी चुनाव के वर्ष 2018 की ही तरह कड़ी टक्कर वाले होने का अंदेशा दोनों दलों को है। लिहाजा सरकार सौगातों की बरसात कर रही है तो वहीं कांग्रेस (Congress) की ओर से वादे भी भरपूर किए जा रहे हैं। यह दोनों दल जनता का दिल जीतने के लिए हर संभव चालें चल रहे हैं मगर वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर इन योजनाओं के लिए उसके पास बजट आएगा कहां से। (आईएएनएस)