nayaindia Digvijay And Vishnu Dutt Political Feud At New Turn दिग्विजय और विष्णु दत्त की सियासी अदावत नए मोड़ पर
मध्य प्रदेश

दिग्विजय और विष्णु दत्त की सियासी अदावत नए मोड़ पर

ByNI Desk,
Share

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दो दिग्गज नेताओं की सियासी अदावत किसी से छुपी नहीं है। बीते लगभग तीन दशकों से इन दोनों नेताओं की अदावत अब नए मोड़ पर आकर खड़ी है, जहां से एक फैसला एक नेता की राजनीति पर कुछ वर्षों के लिए विराम भी लगा सकता है। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस (Congress) के प्रमुख नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और भाजपा संगठन की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (Vishnu Dutt Sharma) की। ताजा मामला दिग्विजय सिंह पर जिला न्यायालय द्वारा आरोप तय किए जाने का है। सिंह ने लगभग नौ साल पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्कालीन महामंत्री शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि शर्मा ने व्यापमं और आरएसएस नेताओं के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। सिंह के आरेापों के खिलाफ शर्मा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और पहले दिग्विजय को जमानत लेनी पड़ी और अब आरोप तय हो चुके हैं।

ये भी पढ़ें- http://दंतेवाड़ा में शहीदों को भूपेश बघेल ने श्रद्धांजलि दी

इस मामले में दो साल की सजा होती है तो एक तरफ सांसदी जाएगी और वे छह साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के बीच की ये अदावत काफी पुरानी है, दोनों के बीच तल्खी बनी हुई है। दिग्विजय सिंह जब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जड़ें प्रदेश में जमाने में लगे थे। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में शर्मा ने महाकौशल इलाके में कई बड़े छात्र आंदोलन किए, जिस पर प्रशासन ने उन पर दमनात्मक कार्रवाई की। पुलिस का डंडा भी खूब चला। शर्मा जब तक एबीवीपी (ABVP) में रहे और सिंह ने 10 साल के लिए राजनीति से संन्यास ले लिया था। फिर सिंह की सक्रियता बढ़ी।

वर्ष 2003 के बाद से 2018 तक दोनों ही नेता अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे मगर शर्मा के खजुराहो से सांसद और फिर भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से दोनों एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कांग्रेस को वर्ष 2018 के चुनाव में मिली सत्ता के बाद सरकार को पर्दे के पीछे से चलाने के आरोप दिग्विजय सिंह पर लगे और इसे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने पूरी ताकत से उठाया। कांग्रेस की सत्ता गई और भाजपा की सत्ता में वापसी हुई तो फिर सिंह और शर्मा ने एक दूसरे को घेरने में कसर नहीं छोड़ी। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह पर न्यायालय द्वारा आरोप तय किए जाने का मामला सियासी गलियारों में है, इस मामले का फैसला राज्य की सियासत पर बड़ा असर डालने वाला होगा क्योंकि राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। (आईएएनएस)

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें